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    वायु प्रदूषण से सांसों पर संकट, नोएडा में 15% बढ़ी सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 09:05 AM (IST)

    नोएडा में वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। जिला अस्पताल में खांसी, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा के मरीजों की संख्या 15% तक बढ़ गई है। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और बुजुर्गों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। 

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाताा,नोएडा। प्रदूषण बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है, पिछले एक सप्ताह में जिला अस्पताल की ओपीडी में 15 प्रतिशत मरीज खांसी,सांस लेने में दिक्कत,अस्थमा और ह्दय रोग के मरीज पहुंच रहे हैं। एक दिन में 250 से 300 मरीज ओपीडी में पहुंचतें हैं। जबकि तेज सर्दी आने से पहले ही प्रदूषण के कारण लोग परेशान हो गए हैं।

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    चिकित्सक मरीजों को घर से मास्क लगाकर निकलने की सलाह दे रहे हैं। वहीं बुजुर्गों प्रदूषण में घर से न निकलने के लिए बोल रहे हैं। हवा में मौजूद पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे बेहद छोटे कण फेफड़ों में पहुंचकर सूजन, फाइब्रोसिस और संक्रमण का कारण बन सकते हैं। इससे शरीर के अंगों में आक्सीजन की कमी हो सकती है।

    रात में गिरता तापमान कर सकता है बीमार

    प्रदूषण के साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। न्यूनतम तापमान 16.6डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। हवा की रफ्तार कम होने से कोहरा और धुंध छाने की संभावना जताई जा रही है।

    शाम ढ़लते ही धुंध के साथ प्रदूषण के कारण हाईवे पर विजिबिलिटी कम हो रही है। रात में गिरता तापमान बच्चों को बीमार कर सकता है इसलिए चिकित्सक बच्चों को आती से सर्दी से बचाने की सलाह दे रहे हैं।


    प्रदूषण बढ़ने से सांस संबंधी बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सर्दी भी बढ़ने लगी है प्रदूषण और सर्दी का अटैक से अस्पताल में 15 प्रतिशत मरीज बढ़ गया है।


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    डॉ.अजय राणा ,सीएमएस,जिला अस्पताल