आवाज के इशारे पर काम करेगा स्वदेशी कृत्रिम हाथ, कीमत सिर्फ 13000 रुपये
ग्रेटर नोएडा में, स्वामी विवेकानंद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट इंदौर की टीम ने 'ग्रैप्स-एक्स' नामक एक कृत्रिम हाथ विकसित किया है, जिसकी कीमत लगभग 13 हजार रुप ...और पढ़ें

जीएल बजाज में चल रहे स्मार्ट इंडिया हैकर फोन के हार्डवेयर एडिशन में स्वामी विवेकानंद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट इंदौर के सस्टेनेबल ह्यूमन कंट्री इनोवेशन फॉर लो कॉस्ट प्रॉस्टेटिक टीम मौजूद। जागरण
आशीष चौरसिया, ग्रेटर नोएडा। आवाज के इशारे पर कृत्रिम हाथ से अब हर काम कराया जा सकेगा। इससे अब हम अपने आप को असहाय महसूस नहीं करेंगे। इसे हर उम्र के लोग आसानी से उपयोग कर सकेंगे। इसके उपयोग करने के लिए खास किसी प्रशिक्षण की जरूरत नहीं पड़ेगा।
अभी तक बाजार में मिलने वाले कृत्रिम हाथ स्विच से ऑपरेट हो रहे हैं, जिनकी कीमत 20 से 25 लाख रुपए तक रहती है। वहीं इस कृत्रिम हाथ की कीमत मात्र करीब 13 हजार रुपए ही रहेगी। साथ ही इसमें स्विच के साथ ही आवाज के इशारे पर काम करने की क्षमता है, जिस कारण हर कोई इसका आसानी से उपयोग कर सकेगा।
नालेज पार्क स्थित जीएल बजाज में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथान के हार्डवेयर एडिशन में स्वामी विवेकानंद ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट इंदौर के सस्टेनेबल ह्यूमन केंट्रिक इनोवेशन फार लो-कास्ट प्रोस्थेटिक्ट टीम ने ग्रैप्स-एक्स नाम से उपकरण तैयार किया है, जिसे एक सामान्य हाथ की तरह तैयार किया है।
टीम के सदस्य अर्पित यादव ने बताया कि यह उपकरण एक सामान्य हाथ की तरह काम करेगा। इसमें छह स्विच लगे हुए हैं। जिनको अलग-अलग कमांड दी गई है और वह स्विच के आधार पर काम करेंगे। इसके अलावा इस उपकरण की खासियत है कि यह आवाज से भी कंट्रोल होता है और बिना स्विच की मदद से सिर्फ व्यक्ति बोलकर इस उपकरण से काम करा सकेगा।
जिस व्यक्ति के कटे हुए हाथ की जगह पर लगाया जाएगा वह बिल्कुल सामान्य हाथ की तरह काम करेगा वह भी सिर्फ उस व्यक्ति के बोलने का आधार पर। एक बार चार्ज करने पर यह छह से 10 घंटे तक काम करेगा।
मात्र 13 रुपए में तैयार किया एआई कनेक्ट कृत्रिम हाथ
स्विच से संचालित होने वाले कृत्रिम हाथ को आपरेट करने के लिए सीखने में लोगों को कई बार परेशानियां आती हैं। इनकी कीमत भी बाजार में 20 से 25 लाख रुपए रहती है।
इस कारण इसे हर कोई नहीं ले सकता है, लेकिन सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की ओर से ग्रैप्स-एक्स उपकरण तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे उनकी टीम कई महीनों से कर रही थी और अब तैयार कर लिया है। इसे मात्र करीब 13 हजार रुपए में पूरी तरह स्वेदशी तैयार किया गया है। इस कृत्रिम हाथ को हर वर्ग का व्यक्ति ले सकता है और आसानी से उपयोग भी कर सकेगा।
उपभोक्ता खुद घर पर ही आसानी से कर सकेगा रिपेयरिंग
अभी तक के आने वाले हाथों को प्रति वर्ष टेक्निकल चीजों या ऊपर के पार्ट्स की रिपेयरिंग करानी होती है, वहीं इसकी तीन वर्ष में ही एक बार करानी होगी। इसके रिपेयरिंग बहुत कम खर्च में खुद व्यक्ति कर सकेगा। जबकि अभी तक बाजार में उपलब्ध हाथों की रिपेयरिंग कराने के लिए या तो कंपनी ले जाना पड़ता है या फिर किसी टेक्निशियन के पास।
हिन्दी अग्रेजी समेत करीब 12 भाषाओं की समझ
कृत्रिम हाथ (ग्रैप्स-एक्स उपकरण) हिन्दी और अग्रेजी भाषा के आधाार पर काम करेगा। टीम के सदस्यों ने बताया कि अभी इसमें मुख्य रुप से मराठी, गुजराती, मलयालम, भोजपुरी के साथ अन्य देश की प्रमुख करीब 12 से 13 भाषाओं को जोड़ा जाएगा। टीम में यश नागोरिया, जयंत, प्रियक्क्षा और निशांत शामिल हैं।

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