दलिया नहीं, छोले-चावल है बच्चों की पहली पसंद
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ग्रेटर नोएडा, संवाददाता : मिड-डे मील के पौष्टिक व्यंजन में शामिल दलिया बेसिक स्कूलों के बच्चों की सर्वाधिक नापसंद डिश है। कई स्कूलों के बच्चों ने मिड-डे मील के तहत मिलने वाला दलिया खाने से साफ तौर पर मना कर दिया है। मिड-डे मील को लेकर प्राधिकरण ने हाल ही में बेसिक स्कूलों का सर्वे कराया है। इसमें उनसे दोपहर के भोजन के संबंध में राय ली गई। सर्वे में जिले में वितरित हो रहे भोजन की गुणवत्ता पर भी सवाल उठे हैं।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, पिछले दिनों मिड-डे मील (एमडीएम) प्राधिकरण लखनऊ से आई एक टीम ने विद्यालयों का निरीक्षण किया। दनकौर, बिसरख और दादरी ब्लॉक के बच्चों से मिड-डे मील के विषय में सवाल पूछे गए। इसमें उन्होंने दलिया को सबसे खराब व्यंजन बताया, जबकि उनकी पहली पसंद छोला और चावल है। यह भी सामने आया है कि दलिया बनाने में लापरवाही भी बरती जा रही है। खाद्य पदार्थो का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं है। इसके अतिरिक्त अन्य व्यंजनों की भी गुणवत्ता पर टीम ने सवाल खड़े दिए हैं। इसके चलते भी बच्चों को व्यंजनों का स्वाद नहीं भा रहा है।
जनपद में मिड-डे मिल वितरण का जिम्मा स्वयंसेवी संस्थाएं संभाल रही हैं। सर्वे सामने आया है कि मीनू में होने के बाद भी गुणवत्तापरक सब्जियां भी बच्चों को उपलब्ध नहीं हो रही है। दोपहर के भोजन के तहत छात्रों को सोमवार को रोटी-सब्जी, नमकीन दलिया, मंगलवार को चावल-दाल, सांभर-चावल, बुधवार को कढ़ी-चावल व खीर, गुरुवार को नमकीन दलिया, रोटी-सब्जी और शनिवार को खीर व सब्जी-चावल दिया जाता है।
सर्वे अधिकारी उपनिदेशक मिड-डे मील प्राधिकरण राजेश शाही ने बताया कि कई स्कूलों में मिड-डे मील की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है। व्यंजन में खाद्य वस्तुओं की आदर्श मात्रा जो होनी चाहिए, वह नहीं मिली। सुधार की योजना तैयार की जाएगी।
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