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    दादरी में भाटी गोत्र पर सपा ने खेला दांव

    By Edited By:
    Updated: Sat, 26 Mar 2016 12:59 AM (IST)

    धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा : सपा ने आगामी विधान सभा चुनाव के लिए दादरी से गुर्जर जाति के भाटी

    धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा :

    सपा ने आगामी विधान सभा चुनाव के लिए दादरी से गुर्जर जाति के भाटी गोत्र पर दांव खेला है। दरअसल, दादरी गुर्जर बाहुल्य सीट मानी जाती है। गुर्जरों में भाटी गोत्र के मतदाताओं की संख्या यहां अधिक है। नागर गोत्र दूसरे नंबर पर आते हैं। सपा ने दादरी विधान सभा सीट से भाटी गोत्र के विक्रम भाटी को अपना उम्मीदवार बनाया है। नागर गोत्र के मतदाताओं को साधने के लिए जेवर विधान सभा सीट से किसी नागर गोत्र के व्यक्ति को टिकट देने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो इसकी घोषणा अगले माह हो सकती है।

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    दादरी विधान सभा सीट पर करीब दो लाख गुर्जर मतदाता हैं। इसमें से करीब एक लाख मतदाता भाटी गोत्र और 40 हजार मतदाता नागर गोत्र के हैं। करीब 60 हजार मतदाता गुर्जरों के अन्य गोत्रों के हैं। दादरी से मौजूदा बसपा विधायक सतवीर गुर्जर बैसोया गोत्र से हैं। भाटी गोत्र के मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण सपा ने विक्रम भाटी पर दांव लगाया है। सूत्रों का कहना है कि नागर गोत्र के मतदाताओं को साधने के लिए पार्टी जिले की तीसरी विधान सभा सीट जेवर से किसी नागर गोत्र के प्रत्याशी को मैदान में उतार सकती है। इसके लिए दादूपुर गांव के पूर्व प्रधान स्वर्गीय हरेंद्र नागर की पत्नी बेवन नागर का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। नोएडा में ठाकुर बिरादरी के अशोक चौहान को टिकट देकर दादरी और जेवर में भी जातीय समीकरण बैठाने का प्रयास किया गया है। दादरी में करीब 25 हजार व जेवर में करीब 65 हजार ठाकुर मतदाता हैं। इसी को ध्यान में रखकर नोएडा में ठाकुर को टिकट दिया गया है। दादरी और जेवर में ठाकुर मतदाता सपा की तरफ गया तो सपा प्रत्याशियों की स्थिति काफी मजबूत हो सकती है।

    दादरी में भी गठजोड़ का प्रयास

    दादरी विधान सभा सीट पर गुर्जर मतदाता सर्वाधिक है। पिछली बार सभी पार्टियों ने यहां से गुर्जर बिरादरी के प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। हालांकि बाजी बसपा के सतवीर गुर्जर के हाथ लगी थी। सपा ने नोएडा से ठाकुर बिरादरी के प्रत्याशी को टिकट देकर दादरी के ठाकुर मतदाताओं को पार्टी की तरफ जोड़ने का प्रयास किया है। दादरी में यादव मतदाता काफी कम है, लेकिन मुस्लिमों की संख्या बहुलता में हैं। यहां गुर्जर, ठाकुर और मुस्लिम मतदाताओं का समीकरण बैठाने का कोशिश की गई है।

    दादरी से कभी नहीं जीती सपा

    दादरी विधान सभा सीट से सपा कभी चुनाव नहीं जीती है। हालांकि, 1989 और 1991 के चुनाव में जनता दल के महेंद्र ¨सह भाटी यहां से चुनाव जीते थे। बाद में उनके बेटे समीर भाटी भी 1993 का विधान सभा चुनाव जनता दल के चुनाव चिन्ह पर ही जीते थे, लेकिन कुछ समय बाद वह सपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद वह सपा के टिकट पर चुनाव नहीं जीत सके। 2002 के विधान सभा चुनाव में सपा ने घरबरा गांव के जगवीर भाटी को टिकट दिया था। उन्हें मात्र नौ हजार वोट मिले थे। 2007 के चुनाव में अशोक चौहान ने 30 हजार से अधिक वोट लेकर दमदार उपस्थित दर्ज कराई थी। 2012 के विधान सभा चुनाव में सपा ने राजकुमार भाटी को अपना प्रत्याशी बनाया था, उन्हें 23 हजार से अधिक वोट मिले थे।

    दादरी में सपा बदलती रही है अपना प्रत्याशी

    सपा ने दादरी से हमेशा अपना प्रत्याशी बदला है। 2002 में समीर भाटी की जगह जगवीर भाटी को प्रत्याशी बनाया। इसी तरह 2007 के विधान सभा चुनाव में समीर भाटी का ऐन वक्त पर टिकट काटकर अशोक चौहान को प्रत्याशी बना दिया गया। 2012 के विधान सभा चुनाव में पहले फकीर चंद नागर को प्रत्याशी बना दिया गया था, लेकिन नामांकन से पहले फकीर चंद नागर का टिकट काटकर राजकुमार भाटी को दे दिया गया।

    विक्रम भाटी का मजबूत पक्ष

    - दादरी में भाटी गोत्र के वोटों की संख्या अधिक होना

    - लंबा राजनीतिक कैरियर

    - पूर्व में सपा का जिलाध्यक्ष होना

    - लंबे समय तक कांग्रेस का भी जिलाध्यक्ष रहना

    - कांग्रेस के परंपरागत वोटों में अच्छी पैठ

    - ग्रामीण पृष्ठ भूमि से ताल्लुक रखना

    - गुटबाजी से दूर रहना

    - किसी तरह का कोई व्यक्तिगत आरोप न होना

    - किसानों के आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लेना

    - सेक्टर में रहने के कारण शहरी वोटों में भी पैठ

    विक्रम भाटी की कमजोरी

    - काफी समय से क्षेत्र में कम सक्रियता

    - पिछले लंबे समय से बीमार रहना

    - बार-बार दल बदलना

    - दादरी बसपा का मजबूत गढ़ होना

    - सपा में आपसी गुटबाजी का होना

    - अपना खुद का मजबूत नेटवर्क न होना

    - युवा मतदाताओं में कम पकड़

    - चुनाव लड़ने में अनुभव की कमी

    - पार्टी वरिष्ठ नेताओं से तालमेल की कमी

    - जनता के बीच कमजोर छवि

    सपा ने प्रदेश में पांच गुर्जरों को दिए टिकट

    सपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर मतदाताओं की भारी संख्या को देखते हुए पांच गुर्जरों को आगामी विधान सभा चुनाव के लिए टिकट दिया है। पार्टी ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सपा गुर्जरों को तवज्जो दे रही है। दादरी से विक्रम भाटी, गाजियाबाद की लोनी विधान सभा सीट से ईश्वर मावी, शामली विधान सभा से मनीष चौहान, मेरठ की सरधना से अतुल प्रधान व सहारनपुर की गंगोह विधान सभा से चौधरी रूद्रसेन को टिकट दिया गया है।