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    श्रीमद् भागवत कथा में सुनाया ध्रुव प्रसंग

    By Edited By:
    Updated: Wed, 25 Nov 2015 06:39 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नोएडा: सेक्टर 82 स्थित पाकेट सात में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन का प्रस

    जागरण संवाददाता, नोएडा:

    सेक्टर 82 स्थित पाकेट सात में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन का प्रसंग ध्रुव चरित्र पर आधारित रहा। कथा सुनने के लिए भारी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे। कथा वाचक पुष्कर कृष्ण महाराज ने श्रोताओं को बताया कि ध्रुव के पिता उनके साथ सौतेला व्यवहार करते हैं। वे ध्रुव की सौतेली मां के पुत्र को प्यार करने लगते हैं और उसे सिंहासन पर बैठाते हैं। तब ध्रुव के बाल मन में वैराग्य उत्पन्न हो जाता है और वह तपस्या के लिए वन चले जाते हैं। भगवान उनकी तपस्या से वर मांगने को कहते हैं। ध्रुव वर में भगवान से राजा के सिंहासन से ऊंचा स्थान मांगते हैं। वह उन्हें प्राप्त होता है। इसके बाद श्रीराम कथा एवं कंस के आतंक की कहानी भी भक्तों को सुनाई गई। आठवीं संतान के रूप में भगवान कृष्ण का जेल में अवतार होता है। वसुदेव जी श्रीकृष्ण को नंदबाबा के यहां छोड़ जाते हैं। नंद के यहां महोत्सव मनाया जाता है। कन्हैया लाल के जयकारे के साथ कथा का समापन हो जाता है। इस दौरान आरडब्ल्यूए अध्यक्ष राघवेन्द्र दुबे, देवमणि शुक्ला, रवि राघव, अमितोष सिंह, एनके सोलंकी, सुशील पाल, शिवशंकर सिंह, बीडी गुप्ता, राजेश गुप्ता, ओम थापा व अन्य भक्तगण मौजूद रहे।

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