बॉटनिक गार्डन में संजोया गया सबसे बड़े पत्ते वाला जलीय पौधा
प्रभात उपाध्याय, नोएडा: बॉटनिक गार्डन ऑफं इंडियन रिपब्लिक (बीजीआइआर) में ऐसे जलीय पौधे को संरक्षि ...और पढ़ें

प्रभात उपाध्याय, नोएडा:
बॉटनिक गार्डन ऑफं इंडियन रिपब्लिक (बीजीआइआर) में ऐसे जलीय पौधे को संरक्षित किया गया है जिसका पत्ता पानी में उगने वाले पौधों में सबसे बड़ा होता है। इसके पत्ते की गोलाई साढ़े तीन मीटर होती है। वैज्ञानिकों ने इसे गार्डन केअजूबा श्रेणी में रखा है।
सेक्टर-38 -ए स्थित बॉटनिक गार्डन में 16 अक्टूबर को कोलकाता के गार्डन से विक्टोरिया अमेजोनिका और विक्टोरिया क्रूजियाना पौधे को लाया गया है। प्रत्येक पौधे की गोलाई 40 फिट की होती है। वहीं एक पत्ते की गोलाई साढ़े तीन मीटर होती है। हर पत्ते की अलग से डंडी होती है, जो पानी के अंदर ही होती है और इसकी लंबाई करीब सात मीटर की होती है। डंडी आधा से एक इंच तक मोटी होती है। गार्डन के तालाब में दोनों पौधों को संरक्षित करने के बाद हाल ही में इसमें तीन नए पत्ते देखे गए। वैज्ञानिक इसे बड़ी सफलता मान रहे हैं।
अमेजन और क्रूज नदी के नाम पर पड़ा नाम :
विक्टोरिया अमेजोनिका को सबसे पहले अमेजन नदी में देखा गया था। वहीं विक्टोरिया क्रूजियाना क्रूज नदी में मिला था। दोनों नदियों के नाम पर ही इनका नाम रख दिया गया। विक्टोरिया अमेजोनिका वर्ष 1873 में भारत में आया। दोनों पौधों में सिर्फ इतना फर्क है कि विक्टोरिया अमेजोनिका का पत्ता हल्के हरे रंग का होता है। वहीं विक्टोरिया क्रूजियाना का पौधा गहरे हरे रंग का होता है।
मखाने की तरह होता है बीज :
दोनों पौधों का बीज मखाने की तरह होता है और इन्हें भून कर खाया जाता है। पहले इसके बीज को मखाने का चचेरा भाई कहा जाता था। बाद में शोध के बाद इसका नाम बदल दिया गया।
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दोनों पौधों को हाल ही में संरक्षित किया गया। पौधों में नए पत्ते भी दिखे। पौधे का एक पत्ता इतना बड़ा होता है कि 5-7 वर्ष के तीन-चार बच्चे इस पर बैठ सकते हैं।
-डॉ. शिव कुमार, प्रमुख वैज्ञानिक, बीजीआइआर।

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