सड़कों के किनारे नहीं लगेंगे पीपल के पेड़
संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : प्राधिकरण सड़कों के किनारे छायादार पौधे लगाने पर ही जोर देगा। फलदार पौधे भी सड़क से थोड़ा हटकर लगाए जाएंगे। पीपल व बरगद जैसे पौधे सड़क किनारे बिल्कुल नहीं लगाए जाएंगे। किसानों को भी पौधारोपण अभियान से जोड़ने के लिए गांवों में प्राधिकरण के प्रबंधक जागरूकता अभियान चलाएंगे। प्रत्येक ग्रामीण को दो पौधे निश्शुल्क में देने की योजना बनाई गई है।
शहर को हरा-भरा बनाने के लिए प्राधिकरण हर वर्ष मानसून के दौरान हजारों पौधे लगाता है। इस बार भी दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। प्राधिकरण का फलदार पौधों लगाने पर अधिक ध्यान देगा। पूर्व के अभियान में सड़कों के किनारे बड़ी संख्या में पीपल व बरगद के पौधे लगा दिए गए थे। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पीपल व बरगद की जड़ अधिक फैलती हैं। इससे भविष्य में सड़कों के उखड़ने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा। कुछ स्थानों पर पीपल के पेड़ों की वजह से सड़क उखड़ भी गई है। इससे सबक लेते हुए प्राधिकरण ने भविष्य में सड़कों के किनारे ऐसे पेड़ लगाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है, जिसकी जड़े अधिक फैलती है। चेयरमैन व सीईओ रमा रमण ने उद्यान विभाग को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि पीपल व बरगद के पेड़ सड़कों से दूर लगाए जाए। सड़कों के किनारे सिर्फ ऐसे पौधे लगाए जाए, जिनकी जड़े सीधे जमीन के अंदर चलती है। सड़कों से सटकर लगे फलदार पौधों की वजह से दुर्घटना होने का अंदेशा रहता है। खासकर बच्चे जामुन, आम, अमरूद आदि फल तोड़ने के लिए सड़कों पर आ जाता है। इससे दुर्घटना का खतरा बन जाता है। सीईओ ने निर्देश दिए हैं कि फलदार पौधों को सड़क से थोड़ी दूरी पर लगाया जाए, ताकि फलों को तोड़ते समय दुर्घटना का खतरा न बने।
गांवों में भी लगेंगे पौधे
मानसून सत्र में प्राधिकरण को जोर गांवों में भी बड़ी संख्या में पौधे लगाने पर रहेगा। गांवों के नजदीक छाया और फलदार दोनों तरह के पेड़ लगाए जाएंगे। इसके लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रत्येक किसान को दो-दो पौधे निशुल्क दिए जाएंगे।
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