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    चीन में भारतीयता की छाप छोड़ रहे विभोर

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jan 2021 10:36 PM (IST)

    योग भारत की संस्कृति और विरासत से जुड़ा है। इस संस्कृति की चमक सिसौली के योगाचार्य विभोर बालियान सरहद पार चीन में बिखेर रहे हैं। विदेशी सरजमीं पर उनकी ख्याति दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। चीनी उन्हें योगगुरु के रूप में अपना रहे हैं। चीनी कंपनी जिम योगा के वह सबसे प्रतिभाशाली सदस्य हैं।

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    चीन में भारतीयता की छाप छोड़ रहे विभोर

    जेएनएन, मुजफ्फरनगर। योग भारत की संस्कृति और विरासत से जुड़ा है। इस संस्कृति की चमक सिसौली के योगाचार्य विभोर बालियान सरहद पार चीन में बिखेर रहे हैं। विदेशी सरजमीं पर उनकी ख्याति दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। चीनी उन्हें योगगुरु के रूप में अपना रहे हैं। चीनी कंपनी 'जिम योगा' के वह सबसे प्रतिभाशाली सदस्य हैं।

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    भाकियू संस्थापक चौ. महेंद्र सिंह टिकैत की जन्मस्थली सिसौली की कई प्रतिभाएं विदेशों में ख्याति अर्जित कर रही हैं। यहां से कई लोग विदेशों में रहते हैं। इन्हीं में से एक हैं विभोर बालियान। कस्बे की सुड़ियान पट्टी निवासी वीरेंद्र वर्मा के पुत्र विभोर चीन में योगाचार्य हैं। विभोर ने वर्ष 2018 में ऋषिकेश के जयराम संस्कृत महाविद्यालय से योग साइंस से पीजी डिप्लोमा प्राप्त किया। इसके बाद मैसूर के योग दर्शनम में एक महीने की ट्रेनिग ली। इसी दौरान ऋषिकेश में जापान की एक कंपनी के प्रतिनिधि आए और उन्होंने विभोर को जापान में योगाचार्य के पद पर नियुक्त किया। विभोर ने वहां तीन महीने तक जापानियों को योग करना सिखाया। उसकी योग्यता को देख चीन की कंपनी जिम योगा ने उन्हें अपने यहां बुला लिया। जिम योगा कंपनी की चीनी में सात शाखाएं हैं। एक शाखा को विभोर ही चला रहे हैं। वह चीनी युवतियों को योग में पारंगत करने में जुटे हैं। साथ ही भारतीय संस्कृति और सभ्यता से भी रूबरू करा रहे हैं। विभोर करीब दो साल से चीनी लोगों को योग के माध्यम से स्वस्थ रहने गुर सिखा रहे हैं। वह प्रतिदिन तीन से चार सत्र में योग की ट्रेनिग देते हैं। कोरोना काल में भी कराया योग

    योगाचार्य विभोर एक सप्ताह पूर्व चीनी से अपने घर लौटे हैं। वह बताते हैं कि जब चीन में कोरोना संक्रमण चरम पर था, तब भी उन्होंने चीन में योग की क्लास जारी रखी। मास्क, शारीरिक दूरी और सैनिटाइजर समेत सुरक्षा कारकों का विशेष ध्यान रखा गया। वह चीन के शहर गुनाल में रहते हैं, जो वुहान शहर से करीब 600 किमी दूर है। चीनी लोगों को पसंद भारतीय फिल्में

    वह बताते हैं कि चीन के अधिकांश नागरिकों का भी यही मानना है कि चीन में कोरोना खान-पान की वजह से ही फैला है। भारत-चीन तनाव को लेकर वहां के नागरिक ज्यादा चितित नहीं हैं। उनका मानना है कि यह दोनों सरकारों के बीच का मामला है। वहां के लोग भारतीयों का सम्मान करते हैं। उन्हें कभी नफरत वाली निगाहों से नहीं देखा गया। चीन के लोगों को भारत की संस्कृति, सभ्यता, खानपान, पहनावा और फिल्में अच्छी लगती हैं।