बलिदान की याद दिलाता है उत्तराखंड शहीद स्मारक
मुजफ्फरनगर जिले के रामपुर तिराहा बाईपास पर स्थित उत्तराखंड शहीद स्मारक रामपुर तिराहा गोली कांड की याद ताजा करता है जो मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में हुआ था। उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग सर्वप्रथम 1938 में उठी। वहीं 1994 में अलग राज्य की मांग जन आंदोलन में परिवर्तित हो गई।

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर जिले के रामपुर तिराहा बाईपास पर स्थित उत्तराखंड शहीद स्मारक रामपुर तिराहा गोली कांड की याद ताजा करता है, जो मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में हुआ था। उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग सर्वप्रथम 1938 में उठी। वहीं 1994 में अलग राज्य की मांग जन आंदोलन में परिवर्तित हो गई। इसके बाद नौ नवंबर. 2000 को उत्तराखंड देश का 27वां राज्य बना। हुआ कुछ यह था कि पृथक उत्तराखंड गठन की मांग को दिल्ली में दो अक्टूबर, 1994 को प्रदर्शन रखा गया था। आंदोलन में शामिल होने के लिए एक अक्टूबर को बसों में सवार होकर हजारों लोग दिल्ली के लिए चले थे, लेकिन आंदोलनकारियों की बसों को रामपुर स्थित तिराहा पर रोक लिया गया था। रात में ही पुलिस से मामूली झड़प के बाद आंदोलन तेज हो गया था, जिसके बाद पुलिस फायरिग में सात आंदोलनकारी शहीद हुए। रामपुर तिराहा गोलीकांड के शहीदों की याद में रामपुर बाईपास पर उत्तराखंड शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया। हर वर्ष उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री दो अक्टूबर को गोलीकांड की बरसी पर शहीदों को नमन करने जरूर आते हैं। आंदोलनकारियों के साथ ज्यादती की भी बाते सामने आई। इस दौरान रामपुरवासियों ने उत्तराखंड आंदोलनकारियों की भरपूर मदद की तथा उन्हें अपने घरों में भी शरण दी।
प्रस्तुति : सौरभ शर्मा
पिछड़ी जातियों के अधिकारों की मांग को सपा का प्रदर्शन
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सतीश गुर्जर व सपा के पिछड़ी जाति के नेताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए पिछड़ी जातियों के अधिकारों की मांग की और सिटी मजिस्ट्रेट को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
सपा पिछड़ा वर्ग जिलाध्यक्ष सतीश गुर्जर व पूर्व मंत्री उमाकिरण तथा अन्य सपा नेताओं ने दिये गए ज्ञापन में मंडल कमीशन की सभी सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने की मांग की। मांग की गई कि पिछड़ा की गणना कराते हुए आबादी के आधार पर सरकार में उनको हिस्सेदारी दी जाए। सपा नेताओं ने नीट परीक्षा में ओबीसी आरक्षण को रोकने पर 10 हजार सीटों के नुकसान की भरपाई करने की व्यवस्था की मांग की। सपा नेता सतबीर प्रजापति, पूर्व महानगर अध्यक्ष वसी अंसारी, विनय पाल, राहुल वर्मा, निधीश गर्ग, विकल चौधरी, सुरेश कुमार, जनार्दन विश्वकर्मा, भूरा प्रधान व मेहरबान तावली आदि शामिल रहे।
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