Updated: Mon, 19 May 2025 07:20 PM (IST)
मुजफ्फरनगर में ऊर्जा निगम ने 500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं फिर भी विद्युत आपूर्ति बाधित है। तीन दिन के शिविर में 60 से अधिक खराब मीटर बदले गए। ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। ऊर्जा निगम ने संसाधनों की मरम्मत एवं ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं, उसके बाद भी विद्युत आपूर्ति का पहिया पटरी पर नहीं आया है। तीन दिन तक चले शिविर में निगम ने 60 से अधिक मीटर बदले। ये ऐसे मीटर थे, जिनमें विद्युत आपूर्ति के दौरान डिस्प्ले खराब थी, वहीं रीडिंग ठीक नहीं निकल रही थी।
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पारा चढ़ने के कारण इन दिनों जनपद में 800 मेगावाट के स्थान पर 1000 मेगावाट तक विद्युत आपूर्ति की खपत बढ़ गई है। जानसठ, खतौली, चरथावल, पुरकाजी, बुढ़ाना, शाहपुर, मीरापुर सहित मुजफ्फरनगर शहर के सभी डिवीजन में 100 से अधिक ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि की गई।
तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा जर्जर लाइन बदली गई है। 15 से 17 मई तक चले वाणिज्य मेगा शिविर में लोगों ने शिकायत दर्ज कराई। इनमें 500 से अधिक बिल में गड़बड़ी पकड़ में आई, जबकि 200 से अधिक लोगों ने बिल के अलावा विद्युत आपूर्ति ठीक नहीं रहने की समस्या बताई।
75 आवेदकों को मिला कनेक्शन
मुख्य अभियंता पवन कुमार अग्रवाल ने बताया कि मेगा शिविर में 75 उपभोक्ताओं को नए कनेक्शन दिए गए हैं। वे निरंतर अपने पास के बिजलीघर से कनेक्शन के लिए आवेदन कर चक्कर काट रहे थे। शिविर में मुख्य अभियंता ने तत्काल इनके कनेक्शन जारी कराए। तीन दिन में निगम ने 70 लाख रुपये अधिक का राजस्व जुटाया है।
बाधित रही विद्युत आपूर्ति, लोग परेशान
सोमवार को गंगारामपुरम, अंसारियान, लद्दावाला में ऊर्जा निगम की टीम ने एबीसी केबिल डाले हैं। इस कारण यहां विद्युत आपूर्ति बंद रही। शाम तक आपूर्ति सुचारु हुई। वहीं रैदासपुरी, पहलवान जोड़ा गली समेत तीन स्थानों पर 400 केवीए के ट्रांसफार्मर बंद रहे रहने से कालोनियों में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही।
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