जीएसटी के फर्जी बिल बनाने के मामले में दो और आरोपित हत्थे चढ़े
जीएसटी फर्जी बिल प्रकरण

जीएसटी के फर्जी बिल बनाने के मामले में दो और आरोपित हत्थे चढ़े
- एक आरोपित कोटद्वार की स्टील फैक्ट्री का डायरेक्टर, गिरोह का सरगना फरार, अब तक चार गिरफ्तार
जासं, मुजफ्फरनगर : खालापार थाना की पुलिस ने 1300 करोड़ रुपये के फर्जी ई-वे बिल बनाने के मामले में दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपित गिरोह के सरगना शादाब के साथ मिलकर बोगस फर्मों के नाम से बिल तैयार करते थे। एक आरोपित कोटद्वार में स्टील फैक्ट्री का डायरेक्टर है। पुलिस अब गिरोह के सरगना की तलाश में दबिश दे रही है। इस मामले में अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गुरुवार को खालापार पुलिस ने चर्चित 1300 करोड़ रुपये के फर्जी ई-वे बिल तैयार करने के मामले में कार्रवाई की। इंस्पेक्टर महावीर सिंह चौहान ने बताया कि इस धोखाधड़ी के मामले में दो आरोपित मोनू उर्फ महबूब उर्फ महमूद हसन और रहीश मलिक को उत्तराखंड के कोटद्वार में जोशधारा इंड्रस्ट्रियल एरिया से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे अक्शा रिसाइक्लिंग एवं वेस्ट मैनेजमेंट फर्म के साथ काम करते हैं, जिसका डायरेक्टर शादाब है। सोनू द्वारा दोनों आरोपितों को फर्जी बिल के लिए वाट्सएप पर डिटेल्स भेजी जाती थीं। इसके बाद संत स्टील, कोटद्वार स्टील और सुप्रीम स्टील के क्रय-विक्रय के बिल बनाए जाते थे। तैयार किए गए फर्जी बिलों को शादाब के सहयोगी मोहम्मद नदीम सैफी और समीर को वाट्सएप पर भेजा जाता था। इसके बाद जीएसटी के फर्जी बिलों से बिल्टी और तौल कांटा पर्ची बनाई जाती थी, जिससे ट्रांसपोर्ट का काम आसान हो सके। इसके बाद जीएसटी हड़पने और इनपुट टैक्स क्रेडिट निकालने के लिए फर्जी बिलों से तैयार फाइल बनाई जाती थी। इस फाइल के माध्यम से शादाब और उसके साथी जीएसटी हड़पते थे। पकड़ा गया रहीश मलिक कोटद्वार में संत स्टील फैक्ट्री का डायरेक्टर है, जहां कभी स्क्रैप की खरीदारी या विक्रय नहीं हुआ है।
इंस्पेक्टर महावीर सिंह चौहान के अनुसार, आरोपित रहीश मलिक केवल फर्म के बैंक चेक और अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करता था। स्टील फैक्ट्री में लोहे की इंगट बनती है, जहां असली बिल बनाए जाते थे, जिनके आधार पर 100 गुना जीएसटी के कूटरचित बिल तैयार किए जाते थे। खालापार थाना पुलिस ने 27 अगस्त को जेड-के कांप्लैक्स में छापेमारी कर जीएसटी के फर्जी बिल बनाने का राजफाश किया था। यहां से दो आरोपित मोहम्मद नदीम सैफी और मोहम्मद समीर को पकड़ा गया था। इनके कब्जे से चार लैपटाप, तीन प्रिंटर मशीन, तीन मोबाइल फोन, 120 फाइल, 18 ट्रांसपोर्ट रशीद और फर्जी बिल छापने के अन्य उपकरण बरामद किए गए थे।
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