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    योगी सरकार का बड़ा फैसला, यूपी में इन सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगी सैलरी

    Updated: Sun, 29 Dec 2024 09:23 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों और अधिकारियों ने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति की जानकारी अपलोड करना शुरू कर दिया है। अब तक 70% ने जानकारी दी है। सीएमओ ने चेतावनी दी है कि 31 जनवरी तक विवरण न देने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने सभी विभागों के कर्मचारियों से यह जानकारी मांगी है।

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    यूपी में इन सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगी सैलरी - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। मानव संपदा पोर्टल पर चल-अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं बताने वाले कर्मचारियों, व अधिकारियों पर नकेल कसी जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों व कर्मचारियों ने फटकार लगने के बाद संपत्ति की जानकारी अपलोड करना शुरू किया है। लगभग 70 प्रतिशत कर्मचारियों ने पोर्टल पर अपनी संपत्ति की जानकारी दी है।

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    वहीं, 31 जनवरी तक जानकारी नहीं भरने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों का वेतन रुकेगा। इसके लिए सीएमओ ने सभी को चेताया है। प्रदेश सरकार ने सभी विभागों के नियमित कर्मचारियों, अधिकारियों से उनकी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर मांगा है।

    हिचक रहे अधिकारी और कर्मचारी

    इसमें शिक्षा, पुलिस, नगर निकायों के अलावा स्वास्थ्य विभाग सहित सभी सरकारी उपक्रमों के कर्मचारियों को ब्योरा देना है।  आदेश आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में चल-अचल संपत्ति की जानकारी बताने में कर्मचारी और अधिकारी हिचक रहे थे। इसको लेकर विभाग की स्थिति पोर्टल पर कमजोर थी। मामले को लेकर प्रदेश सरकार ने कड़ी फटकार लगाई।

    इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का रिकार्ड दिया है। प्रदेश सरकार के साफ निर्देश है कि संपत्ति की जानकारी नहीं देने वाले कर्मचारियों की प्रोन्नति के अलावा वेतन भी रोका जाएगा। इसके चलते एक सप्ताह के भीतर स्वास्थ्य विभाग के लगभग 70 प्रतिशत कर्मचारियों-अधिकारियों ने जानकारी उपलब्ध कराई है।

    प्रदेश में तीसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर

    स्वास्थ्य सेवाओं के साथ सरकारी योजनाओं को पात्रों तक पहुंचाने में मुजफ्फरनगर का स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। डेसबोर्ड के अलावा प्रदेश स्तर पर मुजफ्फरनगर की 75 जनपदों में तीसरी रैंक है। इसके चलते यहां पर मानव संपदा पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने में देरी को विभागीय स्तर पर ठीक नहीं माना गया। सीएमओ की सख्ती के बाद कर्मचारियों, अधिकारियों ने तीव्रता से जानकारी पोर्टल पर फीड की है।

    मानव संपदा पोर्टल पर कर्मचारियों, अधिकारियों ने चल-अचल संपत्ति की जानकारी उपलब्ध कराई है। कुछ ही कर्मचारी शेष हैं, जिनका रिकार्ड बाकी है। सभी लोगों को चेताया गया है। संपत्ति नहीं बताने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई के साथ वेतन रोकने की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह सब कार्रवाई प्रदेश स्तर से होगी। - डा. सुनील तेवतिया, सीएमओ, मुजफ्फरनगर।

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