बंगाली, मराठी व ¨हदी भाषा में बही भागवत की धारा
मोरना (मुजफ्फरनगर) : तीर्थनगरी शुक्रताल में बंगाली, मराठी और ¨हदी भाषा में भागवत ज्ञान की धार
मोरना (मुजफ्फरनगर) : तीर्थनगरी शुक्रताल में बंगाली, मराठी और ¨हदी भाषा में भागवत ज्ञान की धारा बह रही है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है। श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन-पूजन कर धर्म लाभ उठा रहे हैं।
पंजाबी धर्मशाला में श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का शुभारंभ करते हुए पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद सरस्वतीजी महाराज ने कहा कि भागवत मोक्ष तथा लोक कल्याण का साधन है। मनुष्य को स्वयं के मोक्ष और जगत के कल्याण के लिए सतत सार्थक प्रयास करना चाहिए। यह जीवन प्रभु भक्ति एवं परोपकार के लिए मिला है। कथा व्यास आचार्य सत्यनारायणजी महाराज ने कहा कि परोपकार की सोच मनुष्य को पूर्णता के उच्च शिखर पर ले जाती है। श्रीशुकदेव आश्रम स्थित श्रीदयालु भागवत भवन में महाराष्ट्र के मुकुंद गो¨वदकरजी महाराज मराठी भाषा में भागवत का वर्णन कर रहे हैं। वेद व्यास भवन में राजस्थान के स्वामी पुरुषोत्तमजी महाराज ने कहा कि सत्संग का प्रभाव मानव जीवन की दिशा ही बदल देता है, इसलिए मनुष्य को सत्संग सुनना चाहिए। उधर, प्रत्यक्षानंद भागवत भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में अमृत ज्ञान की वर्षा करते हुए कथाव्यास स्वामी तुलसीदासजी महाराज ने कहा कि मनुष्य को भगवान का गुणगान कर कीर्तन करना चाहिए। कथा के दौरान श्रीकृष्ण-रुक्मिणी व वासुदेवजी की सुंदर झांकी भी सजाई गई। गीता भवन में महाराष्ट्र के लोकनाथ स्वामीजी महाराज ने मराठी में भागवत ज्ञान की वर्षा की। मुख्य यजमान के रूप में द्वारकादास अग्रवाल, वंशीधर दास, कांता देवी चांडक व राजेश मेहता आदि मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
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