SIR के लिए काल आए तो अलर्ट रहें... साइबर ठगी के शिकार न हो जाएं आप
मुजफ्फरनगर में साइबर ठगों द्वारा एसआईआर फार्म के नाम पर ठगी का प्रयास किया गया। ठग लोगों को फोन करके एसआईआर फार्म का लिंक भेजते हैं और ओटीपी, आधार कार्ड, पैन नंबर जैसी जानकारी मांगते हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करने और संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत देने की सलाह दी गई है।

मुजफ्फरनगर में साइबर ठगों द्वारा एसआईआर फार्म के नाम पर ठगी का प्रयास किया गया। (प्रतीकात्मक फोटो)
संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। साइबर लुटेरों द्वारा ठगी करने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। शादी का सीजन शुरू होते ही एपीके फाइल में निमंत्रण भेजने के साथ ही एसआईआर फार्म के जरिए ठगी की कोशिश की जा रही है। अब ठगों ने नया हथकंडा इजाद किया है, जिसके नाम से आम लोग तुरंत भरोसा कर लेते हैं। इन दिनों में गली-मुहल्लों तक आम लोगों में प्रचलित इस शब्द फायदा उठाते हुए साइबर लुटेरें उनके बैंक खातों तक पहुंच बना लेते हैं। ऐसे में सभी लोग सावधान और सजग रहे। जिले में पिछले कुछ दिनों से ऐसे मामलों की चर्चाएं बढ़ने लगी हैं।
कई लोगों ने अनौपचारिक तौर पर शिकायत की है कि उन्हें एसआईआर फार्म सत्यापन के नाम पर फोन व लिंक भेजे गए। अधिकांश मामलों में ठग खुद को पुलिसकर्मी व किसी सरकारी एजेंसी का कर्मचारी बताकर बात शुरू करते हैं, ताकि सामने वाले को यह लगे कि मामला महत्वपूर्ण है और तुरंत जवाब देना जरूरी है। ठग मोबाइल पर काल करते हैं और वाट्सएप के जरिए एसआइआर फार्म का लिंक भेजते हैं।
लिंक खोलते ही व्यक्ति से ओटीपी, आधार कार्ड, पैन नंबर, बैंक डिटेल, यूपीआई पिन जैसी गोपनीय जानकारी मांगी जाती है। जैसे ही व्यक्ति इस तथाकथित सरकारी सत्यापन प्रक्रिया पर भरोसा कर जानकारी साझा करता है, ठग तुरंत उसके बैंक खाते में सेंध लगाकर पैसों की निकासी कर लेते हैं। साइबर क्राइम थाने के उप निरीक्षक गौरव चौहान ने बताया कि खतौली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने उन्हे शिकायत दी थी कि उनके साथ ठगी की कोशिश की गई है। हालांकि उनकी सजगता से वह ठगी का शिकार होने से बच गए। उनसे संबंधित नंबर लेकर जानकारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण व शहरी दोनों ही क्षेत्रों के लोग इस जाल में फंस रहे हैं... ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
ध्यान रहे कि...
-कोई भी सरकारी एजेंसी वाट्सएप लिंक के जरिए एसआइआर फार्म नहीं भेजती।
-सत्यापन के नाम पर ओटीपी, बैंक डिटेल या आइडी प्रूफ कभी नहीं मांगे जाते।
-किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। चाहे वह सरकारी नाम या लोगो के साथ ही क्यों न आए।
-यदि आपको ऐसा कोई काल आए तो तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं या निकटतम थाने पर सूचना दें।
-किसी भी काल करने वाले की पहचान को लेकर हमेशा संशय रखें।

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