उप प्रबंधक हत्याकांड :: सोती रही पुलिस...चेकिंग और नाकेबंदी को ध्वस्त करते चले गए बदमाश
सोती रही पुलिस जागते रहे बदमाश... धरी रह गई नाकेबंदी व गश्त

उप प्रबंधक हत्याकांड :: सोती रही पुलिस...चेकिंग और नाकेबंदी को ध्वस्त करते चले गए बदमाश
- अपहृत उप प्रबंधक की हत्या में साफ झलक रही छपार पुलिस की लापरवाही
- एसएसपी ने गंभीरता से कार्रवाई का आदेश दिया, तब हरकत में आई पुलिस
मुजफ्फरनगर : दिल्ली-देहरादून हाईवे पर छपार टोल प्लाजा के प्रबंधक और उप प्रबंधक पर जानलेवा हमला करके उप प्रबंधक का अपहरण और हत्या में छपार थाना पुलिस की घोर लापरवाही उजागर हुई है। पहली लापरवाही तो ये कि पुलिस ने देर रात में सूचना दिए जाने के बावजूद इसे गंभीरता से नहीं लिया। दूसरी लापरवाही सिर्फ एक थाने की नहीं, बल्कि हाईवे पर जितनी भी चौकी और थानों से लेकर पेट्रोलिंग टीमों की भी रही है, क्योंकि घटनास्थल से मेरठ तक लगभग 65 किलोमीटर का सफर बदमाशों ने हाईवे पर किया, पुलिस की चेकिंग और नाकेबंदी को भी ध्वस्त कर दिया, लेकिन कहीं पर भी चेकिंग में इन्हें पकड़ा नहीं जा सका था।
गुरुवार की रात लगभग डेढ़ बजे शुभम मलिक और शिव निवासीगण ग्राम मोहम्मदपुर राय सिंह थाना भौराकलां और इनके चार अज्ञात साथियों ने छपार टोल प्लाजा के प्रबंधक मुकेश कुमार चौहान और उप प्रबंधक अरविंद पांडेय पर जानलेवा हमला किया। उप प्रबंधक अरविंद पांडेय का कार में डालकर अपहरण कर लिया और फिर मुजफ्फरनगर की तरफ भागे। यहां से बाईपास होते हुए दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे से ही मेरठ तक पहुंचे। इस दौरान बदमाशों की कार कई चौकी और थाने के सामने से गुजरी, तो जिले के बार्डर भंगेला चेकपोस्ट को भी पार किया। कार में नग्नावस्था में घायल उप प्रबंधक अरविंद पांडेय थे, तो बदमाशों के पास हथियार भी थे। बावजूद इन्हें किसी भी चेकिंग प्वाइंट पर रोका नहीं जा सका।
दोपहर में मजबूरन एसएसपी कार्यालय आना पड़ा :
छपार टोल प्लाजा पर गुरुवार देर रात लगभग डेढ़ बजे वारदात हुई। रात में ही डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी गई। रात में डायल 112 की टीम मौके पर भी पहुंची, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता ही रही। जबकि इसकी सूचना छपार थाने तक भी पहुंची होगी, लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई। शुक्रवार की दोपहर तक भी जब उप प्रबंधक अरविंद पांडेय का कुछ पता नहीं चला, तो मजबूर होकर टोल प्लाजा कांट्रेक्टर विनोद मलिक, प्रबंधक मुकेश कुमार चौहान को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर कार्रवाई की गुहार लगानी पड़ी। इस पर एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने छपार थाना पुलिस को सख्त निर्देश दिया, तो पुलिस हरकत में आई और पुलिस टीम मेरठ की तरफ दौड़ी। इसके बाद साढ़े चार बजे उप प्रबंधक का शव मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र में भोला रोड से बरामद हो सका। टोल प्लाजा कांट्रेक्टर और प्रबंधक समेत अन्य कर्मचारियों का कहना था कि अगर पुलिस रात को ढिलाई बरतने के बजाए सतर्क हो जाती और वारदात के तुरंत बाद नाकेबंदी की जाती, तो शायद अरविंद पांडेय को जीवित बरामद किया जा सकता था। पुलिस की यह सुस्ती न केवल सवालों के घेरे में है, बल्कि हाईवे सुरक्षा की पोल भी खोल रही है।
बदमाशों ने जिले के ये चौकी और चेकपोस्ट पार किए
रामपुर तिराहा, बागोवाली, पचेंडा रोड, भोपा रोड, ट्रांसपोर्टनगर चौकी, बीबीपुर चौकी, वहलना चौक से आगे बेगराजपुर चौकी, मंसूरपुर थाना, खतौली बाईपास, भंगेला चेकपोस्ट। इनके अलावा मेरठ जिले में भी कई चौकी बदमाशों द्वारा पार की गईं, जो हाईवे पर हैं।
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