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    UP Nameplate Controversy: '2013 के दंगों के समय सपा...', अखिलेश यादव की पोस्ट पर संजीव बालियान ने किया कटाक्ष

    Updated: Fri, 19 Jul 2024 01:56 PM (IST)

    कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल और ढाबा संचालकों को नेमप्लेट लगाने के मामले को लेकर इंटरनेट मीडिया पर जुबानी जंग लगातार जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा ...और पढ़ें

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    पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान और सपा प्रमुख अखिलेश यादव।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल और ढाबा संचालकों की पहचान उजागर करने को लेकर इंटरनेट मीडिया पर जुबानी जंग लगातार जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे एक्स पर एक और पोस्ट डाली। उसके जवाब में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने वर्ष 2013 के सांप्रदायिक दंगे को लेकर कटाक्ष किया है।

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    सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा की गई दूसरी पोस्ट में लिखा गया कि मुजफ्फरनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आखिरकार होटल, फल, ठेलेवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो पीठ थपथपाई है, उतने से ही जनता मानने वाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से खारिज होने चाहिए। न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन प्रशासन नहीं करेगा।

    संजीव बालियान ने किया कटाक्ष

    उधर, इसके जवाब में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने लिखा कि मुजफ्फरनगर पुुलिस द्वारा जारी आदेश, जिसमें सभी दुकानों पर नाम लिखना, सभी के लिए अनिवार्य है और एक पूर्व प्रचलित व्यवस्था है। वर्ष 2013 के दंगों के समय सपा सरकार द्वारा केवल मुस्लिमों को विस्थापित मानकर पांच लाख रुपये मुआवजे का आदेश एक धार्मिक विभेद था।

    उधर, हिंदू नेता पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने एक्स पर पोस्ट डाली, उसमें एक सूची भी लगाई। जिसमें लिखा मुजफ्फरनगर में दिल्ली-दून हाइवे पर ओम शिव वैष्णो होटल के मालिक आदिल राठौर था। कांवड़ यात्रा के दौरान जुलाई 2023 में जब लोगों को यह पता चला, तो प्रशासन से शिकायत हुई।

    पुलिस के आपत्ति करने पर आदिल राठौर ने होटल का नाम वेलकम टू पिकनिक प्वाइंट टूरिस्ट ढाबा कर लिया था। इसी तरह खतौली में शिव पंजाबी ढाबे का संचालक भी मुस्लिम था, जब ग्राहक ने क्यूआर कोड स्कैन किया तो सच्चाई का पता चला, जिसके बाद विवाद हुआ था। ऐसे कई होटलों की सूची पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने लिखी है।

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