हुक्मरानों कुछ ख्याल करो, उम्मीद लगाए हैं आंखें
हर हवेली के लिए तुमने उठाए पत्थर क्या वजह है कि तुझे छत हासिल नहीं होती दानिश जमाल की लिखी यह पंक्तियां खतौली ब्लाक क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजन ...और पढ़ें

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। हर हवेली के लिए तुमने उठाए पत्थर, क्या वजह है कि तुझे छत हासिल नहीं होती, दानिश जमाल की लिखी यह पंक्तियां खतौली ब्लाक क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के हश्र और हकीकत को सच साबित करतीं हैं। गरीब जो भूख की दहलीज पर रोटी के लिए पसीना बहाते हैं, वे एक अदद छत के लिए मोहताज हैं।
विकास खंड क्षेत्र के कैलावड़ा गांव की सुनीता की पीड़ा पहाड़ सी है। उसका सपना था कि एक घर बन जाए, लेकिन आवास नसीब नहीं हुआ। सुनीता विकलांग है, जबकि पति टीबी का मरीज है। यहीं पीड़ा सुमन की भी है। बरसात में उसका कच्चा मकान गिर गया था। सुमन परिवार के साथ झोपड़ी में रह रही है। उसे भी आवास का लाभ नहीं मिला है। उसका पति राजवीर मजदूरी करता है। गांव की मिथलेश को भी आवास नहीं मिलने का दंश झेलना पड़ रहा है। उनके अरमान आंसू बनकर छत के लिए टपक रहे हैं। ये तीनों परिवार पात्रता की सूत्री में हैं, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी आवास निर्माण नहीं हो सका है।
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यह है आवास निर्माण का नियम
किसी गांव, बस्ती में अनुसूचित, अल्पसंख्यक वर्ग की तलाश होती है। जांच के बाद उनका नाम प्रतीक्षा सूची में रखा जाता है। योजना में शामिल कर मकान का निर्माण कराया जाता है। वहीं, ब्लाक कार्यालय से पीएम आवास योजना के लिए 282 की सूची गई थीं, लेकिन 82 बने हैं। कैलावड़ा कलां प्रधानमंत्री आवास योजना में एक भी मकान नहीं आया है, जबकि तीन परिवार पात्रता रखते हैं।
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इन्होंने कहा..
ये तीनों परिवार पात्रता की सूची में है। उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में भेजा गया है। अभी आवास योजना की पात्रता सूची में अनुसूचित वर्ग के नाम आए हैं। उनका नाम आने पर योजना तहत से उनके आवास बनवाए जाएगे।
-दीपक ध्रुव, ग्राम पंचायत सचिव
कैलावड़ा गांव में तीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ये लोग प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र हैं तो उनको योजना अंतर्गत आवास दिलवाने का प्रयास किया जाएगा।
- आरती यादव, तहसीलदार खतौली

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