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    गंगा का किनारा, सामने बिखरी प्राकृतिक छटा... Night Camp करना चाहें तो साइट पर आएं

    By Dilshad Ali Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Thu, 04 Dec 2025 01:11 PM (IST)

    गंगा नदी के किनारे एक सुंदर प्राकृतिक स्थल है, जो रात्रि कैंपिंग के लिए आदर्श है। यहाँ शांत वातावरण और मनमोहक दृश्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। खुले ...और पढ़ें

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    मुजफ्फरनगर के हैदरपुर वेटलैंड में तैयार किया गया कैफेटेरिया। सौ. वन विभाग

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। गंगा के किनारे स्थित हैदरपुर वेटलैंड (रामसर साइट) में विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं। यहां वन विभाग ने लगभग 1.50 करोड़ रुपये की लागत से व्यवस्था को संवारा है, जिससे जलीय और वन्य जीवों का आनंद लिया जा सकेगा। विभाग ने हैदरपुर वेटलैंड में नाइट कैंप और कैफेटेरिया को चालू करने की तैयारी की है। पर्यावरण विकास समिति (ईडीसी) के माध्यम से व्यवस्था संभाली जाएगी।

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    वन विभाग द्वारा हैदरपुर वेटलैंड में प्राकृतिक ट्रैक के साथ झोपड़ियां बनाई गई हैं। इनमें वाचमैन की हट के अलावा पर्यटकों के ठहरने और बैठने की व्यवस्था के लिए प्राकृतिक घास-फूस और निर्माण सामग्री को मिलाकर झोपड़ी तैयार की गई हैं। पत्थरों की कुर्सियां और कैफेटेरिया भी बनाया गया है। पक्षियों और वन्य जीवों को निहारने व सुरक्षा के लिए वाच टावर खड़े किए गए हैं। विशेष बात यह है कि वन्य जीवों की सुरक्षा की दृष्टि से सोलर पैनल भी लगवाए गए हैं।

    पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नाइट कैंप की व्यवस्था की तैयारी पूर्ण हो गई है। कैफेटेरिया संचालित करने के लिए चार बार निविदा निकाली गई, जिसमें एक ही कार्यदायी संस्था आ सकी। इसको लेकर वन विभाग ने शासन से अनुमति मांगी है। एक सप्ताह के अंदर वेटलैंड में नाइट हाल्ट हो सकेगा। यह व्यवस्था गंगा किनारे बसे गांवों में बनाई गई पर्यावरण विकास समिति के सदस्य संभालेंगे, जिससे उन्हें रोजगार मिलेगा।

    रामसर साइट हो चुकी घोषित
    हैदरपुर वेटलैंड को रामसर साइट घोषित किया जा चुका है। यहां 200 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी निवास करते हैं। सर्दी के सीजन के दौरान यहां साबेरियन, कनाड़ा, मंगोलिया, रूस समेत भारत के लद्दाख क्षेत्रों के प्रवासी पक्षी रहते हैं। विभाग के अनुसार, झील पर संकटग्रस्त घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस) और लुप्तप्राय हाग हिरण (एक्सिस पोर्सिनस), ब्लैक-बेलिड टर्न (स्टर्ना एक्यूटिकौडा), स्टेपी ईगल (एक्विला निपलेंसिस), भारतीय स्किमर का भी बसेरा है।

    कैफेटेरिया जल्द चालू हो जाएगा
    वेटलैंड में तैयार किए गए कैफेटेरिया को एक सप्ताह में चालू कराया जाएगा। जिसका संचालन पर्यावरण विकास समिति द्वारा किया जाएगा। इससे ग्रामीण अंचल में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ युवाओं को रोजगार मिलेगा। कैफेटेरिया का शुल्क समिति अपने स्तर से तय करेगी।- राजीव कुमार, डीएफओ, मुजफ्फरनगर।