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    यूपी की बदहाल व्यवस्था! एंबुलेंस ने 3 घंटे में तय किया 35 KM का सफर, चालक की लापरवाही से गई घायल की जान

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Tue, 15 Apr 2025 02:58 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर में एम्बुलेंस चालक रामेंद्र की लापरवाही सामने आई है जिसने घायल सलीम को बुढ़ाना से जिला अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे लगा दिए। 35 किलोमीटर की दूरी तय करने में इतनी देरी होने पर चालक रामेंद्र और ईएमटी सूरज को नौकरी से निकाल दिया गया है। आरोप है कि चालक ने शराब पी थी और डीजल भरवाने में भी अनावश्यक समय बर्बाद किया।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। मरीज और घायलों की जान बचाने को एंबुलेंसों को समय पर अस्पताल पहुंचाना होता है। इसीलिए एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम भी हर महीने परखा जाता है, लेकिन कुछ एंबुलेंस चालक मनमानी और लापरवाही में लिपटे हैं।

    ऐसी ही लापरवाही ने हादसे में घायल सलीम की जान ले ली। क्योंकि एंबुलेंस चालक ने बुढ़ाना से घायल सलीम को जिला अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे का समय लगा दिया, जबकि दूरी सिर्फ 35 किलोमीटर की थी। इसी कारण चालक रामेंद्र और ईएमटी सूरज की सेवा समाप्त कर दी गई है।

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    शनिवार की देर रात मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नावला निवासी 56 वर्षीय सलीम व पुत्र सनव्वर बुढाना से गांव लौट रहे थे। रास्ते में खतौली की ओर से आ रही बाइक से उनकी भिड़ंत हो गई। सलीम, सनव्वर व दूसरी बाइक पर सवार पारस पुत्र सुरेशचंद गांव धनायन शाहपुर घायल हो गए। जिन्हें सीएचसी बुढ़ाना भिजवाया।

    सलीम के बेटे आरिफ ने बताया कि उसके पिता को शनिवार रात नौ बजे बुढ़ाना सीएचसी से रेफर किया गया था, लेकिन एंबुलेंस चालक उनको देर रात 12 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। आरोप है कि एंबुलेंस चालक ने शराब भी पी रखी थी। वहीं, 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर राजेश रंजन ने बताया कि एंबुलेंस चालक रामेंद्र पिछले महीने से ही नौकरी पर आया था।

    मुजफ्फरनगर के जिला अस्पताल में गमजदा परिजन। जागरण

    तीन घंटे में अस्पताल पहुंचे

    शनिवार रात को वह बुढ़ाना सीएचसी से घायल सलीम को लेकर चला था, लेकिन लगभग तीन घंटे में अस्पताल पहुंचा। शराब पीने की बात भी सामने आई है। वह बुढ़ाना से सीधे मुजफ्फरनगर न आते हुए मंसूरपुर चला गया और वहां एंबुलेंस में डीजल भरवाया। जबकि एंबुलेंस में पहले से ही डीजल था। उन्होंने कहा कि डीजल खत्म होने पर जब गाड़ी अलर्ट नोटिफिकेशन करती है, तब भी लगभग 80 किलोमीटर तक जा सकती है। बावजूद इसके चालक ने डीजल भरवाने में काफी समय लगाया।

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    सेवा की समाप्त

    इस प्रकरण की सूचना भी उच्चाधिकारियों को नहीं दी। उनके साथ ईएमटी सूरज भी था, उसने भी जानकारी नहीं दी। दोनों से जब स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके चलते दोनों की सेवा समाप्त कर दी गई है। एंबुलेंस कंपनी इएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेस को भी पत्र भेज दिया गया है।

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