UP News: पराग जैन के रॉ प्रमुख बनने से गांव में बंटी मिठाई, शहर में जश्न का माहौल
मुजफ्फरनगर के गांव नावला के मूल निवासी पराग जैन रॉ के प्रमुख बने। इससे गांव में जश्न का माहौल है ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर ख़ुशी जताई। बुजुर्गों ने कहा कि बेटे की उपलब्धि पर गर्व है। पराग जैन के पिता 60 साल पहले कानपुर जाकर बस गए थे। चचेरे भाई रमन जैन ने बताया कि पराग जैन की वजह से नावला वाले परिवार को अब पूरा देश जान गया है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। जनपद के गांव नावला के मूल निवासी पराग जैन रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख बने हैं। इससे उनके पैतृक गांव में जश्न है। ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर खुशी जताई। बुजुर्गों ने कहा बेटे की उपलब्धि पर गर्व हैं।
वहीं शहर की नई मंडी में रह रहे स्वजन गौरवान्वित हैं। पराग जैन के पिता लगभग 60 साल पहले कानपुर जाकर बस गए थे। हालांकि विभिन्न कार्यक्रम में पराग जैन यहां आते रहे हैं। उनके चचेरे भाई रमन जैन ने बताया कि 10 साल पहले भाई घर आए थे। बच्चों की शिक्षा और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के बारे में लंबी बातचीत की थी। पराग जैन की वजह से नावला वाले परिवार को अब पूरा देश जान गया है।
केंद्र सरकार ने पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का प्रमुख नियुक्त किया है। 30 जून को खत्म हो रहा रवि सिन्हा के कार्यकाल के बाद एक पहली जुलाई 2025 से वह भारत की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी रा में प्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे।
जनपद के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नावला में पराग जैन का पैतृक आवास है। 60 साल पहले उनके पिता वीरेंद्र जैन कानपुर में जाकर बस गए थे, लेकिन पुस्तैनी आवास को नहीं बेचा। इस मकान की ग्रामीण ही समय-समय पर साफ-सफाई करते हैं।
आवास से पराग जैन व उनके परिवार की यादें जुड़ी हुई हैं। नावला निवासी राजीव शर्मा, मांगेराम, पिंटू, विजित, चिंटू, देवेंद्र त्यागी, अनुज त्यागी, सुरेश शर्मा, विनीत त्यागी पराग जैन के आवास पर पहुंचे और मिठाई बांटी।
मांगेराम ने बताया कि लगभग 40 साल पहले पराग जैन अपने पिता के साथ गांव में आए थे। उनके पिता अक्सर गांव में आते रहते हैं। बेटे ने गांव का नाम रोशन किया है। राजीव शर्मा ने कहा कि इससे गांव के अन्य युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा मिलेगी।
पराग की वजह से नावला वाले परिवार को देश ने जाना
शिवचौक के समीप हुकुमचंद साड़ी वाले शोरूम के संचालक रमन जैन ने बताया कि पराग जैन ताऊ के बेटे हैं। केशव दास जैन हमारे बाबा थे। ताऊ विरेंद्र जैन लगभग 60 साल पहले नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट कानपुर में नियुक्त हो गए थे, जिसके चलते परिवार समेत कानपुर जाकर बस गए।
कानपुर में ही पराग जैन की शिक्षा-दीक्षा हुई है। पराग जैन की पत्नी सीमा जैन पंजाब कैडर में आईएएस अधिकारी हैं। हमारा परिवार जनपद समेत प्रदेश में नावाला वाले को नाम से जाना जाता है, लेकिन अब पराग जैन की वजह से देशभर में जाना जा रहा है। परिवार के सदस्य द्वारा राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी की बागडोर संभालना गौरवांवित करने वाला है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।
रमन जैन ने बताया कि लगभग 10 साल पहले पराग जैन नई मंडी स्थित आवास पर आए थे। पूरे परिवार के बारे में पूछा था। बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने की बात कही थी। साथ ही बुजुर्गों की सेहत के बारे में भी जानकारी ली थी।
उन्होंने बताया कि वह कहां-कहां तैनात रहे और देशहित के लिए किन आपरेशन में शामिल रहे, इस बारे में बात नहीं होती थी। हां, इतना जरूर है कि देशहित में उन्होंने अनेकों कार्य किए हैं।
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