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    UP News: पाकिस्तान के पहले PM के भाई के नाम की भूमि शत्रु संपत्ति घोषित, इस जमीन पर हैं मस्जिद-होटल और दुकानें

    Updated: Sat, 07 Dec 2024 08:10 PM (IST)

    पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खां के भाई नवाब सज्जाद अली खां की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है। मुजफ्फरनगर में मस्जिद दुकानें और होटल वाली यह भूमि अब प्रशासन के नियंत्रण में है। नोटिस जारी कर इसे खाली कराया जाएगा। मस्जिद कमेटी का दावा है कि यह भूमि 1918 में दान दी गई थी और इसे शत्रु संपत्ति घोषित करना अनुचित है।

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    मुजफ्फरनगर में रेलवे स्टेशन के सामने शत्रु संपत्ति पर बनी मस्जिद और दुकानें। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खां के भाई नवाब सज्जाद अली खां के नाम वाली भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया है। उक्त भूमि पर मस्जिद के अलावा चार दुकानें भी बनी हैं, जिन्हें अब खाली कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की है। क्योंकि शत्रु संपत्ति विभाग ने उक्त भूमि का नियंत्रण और प्रबंधन मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी को सौंप दिया है। संपत्ति को खाली कराने के लिए प्रशासन की तरफ से नोटिस दिए जाना है, लेकिन शनिवार को नोटिस दिया नहीं जा सका। उधर, दूसरा पक्ष इस मामले को लेकर हाइकोर्ट जाने की तैयारी में जुटा हुआ है।

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    बता दें कि रेलवे स्टेशन के सामने स्थित खसरा नंबर 930 की 0.0820 हेक्टेयर भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कराने के लिए राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय संयोजक संजय अरोरा ने जिला प्रशासन समेत उच्चाधिकारियों को शिकायत पत्र दिए थे और प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे थे।

    उक्त भूमि पर मस्जिद के साथ ही चार दुकानें और होटल बना है। अभिलेखों में यह संपत्ति नवाब सज्जाद अली खां पुत्र रुस्तम अली खां के नाम दर्ज मिली। रुस्तम अली खां के पुत्र लियाकत अली खां पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे। इनका पूरा खानदान यहां से पाकिस्तान चला गया था। वहीं, सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने भी शत्रु संपत्ति का मुद्दा संसद में उठाया था।

    जिलाधिकारी के निर्देशन में गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने भी इसकी जांच की थी और शत्रु संपत्ति माना था। इसके पश्चात लखनऊ से शत्रु संपत्ति के पर्यवेक्षक प्रशांत सैनी ने सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप के साथ स्थलीय निरीक्षण किया था। भूमि पर काबिज लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया था और लखनऊ में सुनवाई हुई थी।

    गत तीन दिसंबर को मस्जिद कमेटी के जिम्मेदार लोगों ने अपना पक्ष रखा था, जिसके बाद पांच दिसंबर को इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया। शत्रु संपत्ति के उप संरक्षक राजेंद्र कुमार ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा, जिसमें संपत्ति पर कब्जा लेने और इसके नियंत्रण एवं प्रबंधन भी संभालने के लिए कहा है। सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप का कहना है कि शत्रु संपत्ति घोषित किए जाने संबंधी आदेश का अवलोकन किया जा रहा है, उसके बाद संपत्ति को खाली कराने के लिए नोटिस दिया जाएगा।

    रुस्तम अली खां ने मस्जिद के नाम दान दी थी जमीन : मुजीबुल इस्लाम

    उक्त भूमि पर बनी मस्जिद के जिम्मेदार मुजीबुल इस्लाम का कहना है कि उक्त भूमि को रुस्तम अली खां ने मस्जिद के लिए दान दिया था। अल्लाह के नाम वक्फ किया था। वर्ष 1918 में रुस्तम अली खां की मौत हो गई थी। जबकि भारत-पाकिस्तान का बंटवारा 1947 में हुआ।

    ऐसे में उक्त भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित किया जाना न्याय संगत नहीं है। शत्रु संपत्ति विभाग के उप संरक्षक समेत कमेटी को सभी दस्तावेज भी दिखाए गए, फिर भी इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया। इसको लेकर हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।