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    चौधरी अजबसिंह की तेरहवीं पर नहीं होगा मृत्यु भोज, अस्थियों का विसर्जन भी नहीं...यह है वजह

    By Anand Prakash Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 09:08 PM (IST)

    सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत के निर्णय का पालन सोरम गांव से शुरू हुआ। चौधरी अजब सिंह की तेरहवीं पर मृत्यु भोज नहीं होगा। चौधरी नरेश टिकैत के आग्रह पर, परिवार ने सादगी से तेरहवीं करने और अस्थियों को खेत में दबाकर पौधा लगाने का निर्णय लिया। सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान ने इस पहल की सराहना की। परिवार ने पंचायत के निर्णय का सम्मान किया।

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    गांव सोरम में मृत्यु भोज पर प्रतिबंध को लेकर आयोजित बैठक में सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान व बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत। सौ. ग्रामीण

    संवाद सूत्र, जागरण, शाहपुर (मुजफ्फरनगर)। सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत में लिए गए निर्णयों पर अमल आरंभ हो गया है। इसकी शुरुआत गांव सोरम से ही हुई है। यहां रहने वाले चौधरी अजब सिंह का पांच दिन पूर्व निधन हो गया था। उनकी तेरहवीं में मृत्यु भोज नहीं होगा और अस्थियों को विसर्जन नहीं किया जाएगा।

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    गांव सोरम निवासी 96 वर्षीय चौधरी अजब सिंह का 15 नवंबर को निधन हो गया था। परिवार की आर्थिक संपन्नता और सामाजिक रसूख के चलते उनके पुत्रों की इच्छा थी कि पिता की तेरहवीं और मृत्यु भोज का आयोजन किया जाए। सर्वखाप पंचायत के तुरंत बाद सोरम में ही इस तरह का आयोजन की सूचना मिली तो गुरुवार देर शाम सर्वखाप मंत्री चौधरी सुभाष बालियान व बालियान खाप के चौधरी चौ. नरेश टिकैत शोक संतप्त परिवार के आवास पर पहुंचे, जहां उन्होंने परिवार को सर्वखाप पंचायत के निर्णय से अवगत कराया। उनसे आग्रह किया कि मृत्यु भोज के आयोजन से बचें और सादगी अपनाएं।

    चौधरी नरेश टिकैत के आग्रह को उनके पुत्रों जोगिंदर सिंह, मगेंद्र सिंह व सुरेंद्र सिंह ने सम्मानपूर्वक स्वीकार किया। उन्होंने आगामी 27 नवंबर को होने वाली तेरहवीं को बिना मृत्यु भोज के साधारण तरीके से करने पर सहमति जताई। चौधरी टिकैत ने परिवार को सामाजिक नई सकारात्मक परंपरा अपनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सुबह आठ बजे हवन शुरू होने के तुरंत बाद 10 या 11 बजे ही रस्म-पगड़ी शोक सभा रखी जाए। उसी समय प्रसाद वितरण के साथ शोक व श्रद्धांजलि सभा की जाए।

    साथ ही चौधरी नरेश टिकैत ने आग्रह किया कि अस्थियों को पवित्र गंगा में विसर्जित करने के बजाए, खेत पर दबाकर उनकी याद में एक पौधा रोपित किया जाए। यहां एक नेम प्लेट लगाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियां उस वृक्ष के माध्यम से अपने बुजुर्ग को याद कर सकें। सर्वखाप मंत्री सुभाष बालियान ने इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत सोरम से होने पर कहा कि यह संदेश दूर तक जाएगा। उन्हें आशा है कि अन्य गांव व खाप भी मृत्यु भोज प्रतिबंध का अनुशरण करेंगे। इस दौरान सत्यवीर सिंह, मास्टर रामपाल सिंह, प्रधान करणवीर सिंह, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित रिटायर्ड सूबेदार सुरेंद्र सिंह, सतेंद्र प्रधान, विजेंद्र बालियान, विकास बालियान, ऋषिपाल चेयरमैन, जितेंद्र प्रमुख गोयला उपस्थित रहे।

    मृत्यु भोज प्रतिबंध के प्रस्ताव को अमल होगा
    पिताजी चौधरी अजब सिंह की रस्म तेरहवीं में भोज का आयोजन करने का परिवार का निर्णय था, लेकिन सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत में मृत्यु भोज प्रतिबंध के प्रस्ताव को अमल में लाते हुए रस्म तेरहवीं बिना मृत्यु भोज के साधारण रूप से करने का निर्णय लिया गया है।-सुरेंद्र सिंह सोरम