'किसी धर्म और जाति के खिलाफ कांवड़ यात्रा में गाना ना बजाया जाए', भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा को सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बताया है लेकिन डीजे कांवड़ पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यदि प्रतिबंध संभव नहीं है तो डीजे कांवड़ की ऊंचाई और ध्वनि निर्धारित मानकों के अनुसार होनी चाहिए जिससे हादसे और दिल के मरीजों को परेशानी न हो।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कांवड़ यात्रा को लेकर प्रतिक्रिया दी है। सर्कुलर रोड स्थित टिकैत आवास पर उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। यह बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन डीजे कांवड़ पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
यदि ऐसा संभव न हो तो डीजे कांवड़ की ऊंचाई निर्धारित मानक से अधिक नहीं होनी चाहिए। ध्वनि भी तेज नहीं होनी चाहिए। देखने में आता है कि तेज ध्वनि और ऊंचाई के कारण हादसे होते हैं। दिल के मरीजों को डीजे कांवड़ से सबसे ज्यादा दिक्कत होती हैं।
उन्होंने स्वामी यशवीर के बयान पर कहा कि उन्हें किसी भी मुद्दे को अनावश्यक रूप से नहीं बढ़ाना चाहिए। कांवड़ यात्रा एक प्राचीन परंपरा है और इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ उचित नहीं है।
उन्होंने मुस्लिम समुदाय द्वारा हिंदू नाम से होटल चलाने को हिंदू धर्म के प्रति सम्मान की भावना बताया। कहा कि प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह जो भी डीजे कण्व या डाक कावड़ आ रही हो मानकों के अनुसार ही आए।
उन्होंने कहा कि सभी को कांवड़ यात्रियों का सम्मान करना चाहिए। कावड़ यात्रा में सभी धर्म के लोग कावड़ यात्रियों की सेवा और सम्मान करते हैं। पुरकाजी के अध्यक्ष है जाहिर फारूक की वह मुसलमान होकर भी कावड़ यात्रियों के लिए सेवा और सम्मान करते हैं।
कांवड़ यात्रा में उनकी बहुत बड़ी आस्था है। इस कांवड़ यात्रा में सभी को सहयोग करना चाहिए। डीजे कांवड़ में कोई भी किसी धर्म या किसी जाति के खिलाफ गाना न बजाए। कांवड़ यात्रा के दौरान जो कांवड़ यात्री लड़ाई झगड़ा करता है उसकी कावड़ खंडित मानी जाती है। कांवड़ यात्रा बिना किसी लड़ाई के संपूर्ण की जानी चाहिए।
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