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    कुख्यात नफीस कालिया के शार्प शूटर नईम धोबी समेद दो बंदी की मौत, मुजफ्फरनगर जेल में था बंद

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Mon, 16 Jun 2025 04:06 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर जिला कारागार में नफीस कालिया के शार्प शूटर नईम धोबी और माशूक अली नामक दो कैदियों की मौत हो गई। नईम गैंगस्टर एक्ट में बंद था और हृदय रोगी था जबकि माशूक पैरालायसिस से पीड़ित था। परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। नईम पर हत्या और डकैती जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज थे।

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    लीड:: एम-25,26 :: कुख्यात नफीस कालिया के शार्प शूटर नईम धोबी समेद दो बंदी की मौत

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। जिला कारागार में बंद कुख्यात नफीस कालिया के शार्प शूटर नईम धोबी समेत दो बंदियों की मौत हो गई। दो साल से नईम धोबी (52 वर्षीय) पुत्र बसीर जिला कारागार में गैंग्स्टर एक्ट के मुकदमे में बंद था। हाल ही उसे दिल में छल्ले डले थे। वहीं, शामली जनपद के थानाभवन निवासी बंदी माशूक अली (67 वर्षीय) पुत्र शमशेर की भी बीमारी के चलते मौत हो गई। वह पांच जून से जिला चिकित्सालय में भर्ती था। माशूक पैरालायसिस से पीड़ित था।

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    खालापार थाना क्षेत्र के मुहल्ला कस्सावान निवासी नईम धोबी कुख्यात नफीस कालिया गिरोह का शार्प शूटर रहा है। वह अक्टूबर 2023 से जिला कारागार में बंद था। नईम हृदय रोगी था, हाल ही में मेरठ मेडिकल कालेज में उसे दिल के छल्ले डाले गए थे। वहां कुछ दिन भर्ती रहने के बाद वह शनिवार जिला कारागार में आया था। अचानक तबीयत बिगड़ने पर नईम को जिला चिकित्सालय ले जाया गया, यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

    बताया जा रहा है कि हृदय गति रुकने से उसकी मौत हो गई। सूचना से नईम के स्वजन अस्पताल पहुंचे। नईम के बेटे नदीम और भाई नफीस ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन की लापरवाही से नईम की मौत हुई है। ढंग से उपचार नहीं कराया। जल्द ही नईम की रिहाई होने वाली थी।

    वहीं, शामली जनपद के थानाभवन निवासी माशूक अली पुत्र शमशेर पैरालायसिस से पीड़ित था। वह मई 2022 से जिला कारागार में 302 के मामले में बंद था। इससे पहले उसे जिला चिकित्सालय से मेरठ रेफर किया था। वहां से उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली भेजा था, जहां लगभग डेढ़ महीने तक उपचार चला। इसके बाद उसे फिर से जिला कारागार में भेज दिया गया।

    हालत बिगडने पर फिर से उसे जिला चिकित्सालय भेजा, जहां डा. योगेंद्र त्रिखा ने बताया कि माशूक अली पैरालायसिस से पीड़ित था। उसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था। दिमाग में खून का बहाव भी न के बराबर था। अब उसके स्वजन भी पैरवी नहीं कर रहे थे। पांच जून से अब तक उसे कोई भी देखने तक नहीं आया था। रविवार को उसकी मौत हो गई।

    सभासद रमजान व अजमल छिंपी हत्याकांड में शामिल था नईम

    नफीस का शार्प शूटर नईम 90 के दशक में आतंक का पर्याय रहा है। उसके खिलाफ नफीस कालिया, सलीम तोतला आदि के साथ गैंग बनाकर हत्या, डकैती और लूट समेत अन्य घटनाओं को अंजाम देने के आठ मुकदमे दर्ज थे। उस दौरान सभासद रजमान उर्फ रमजानी और अजमल छिंपी हत्याकांड में भी नईम शामिल था। शहर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राजपाल सिंह ने नईम धोबी को गैंग्स्टर एक्ट में निरुद्ध करते हुए मुकदमा दर्ज किया था। तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक नरोत्तम सिंह ने नईम धोबी गैंग पर पुलिस पार्टी पर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया था।

    बीमारी के चलते जिला कारागार में बंद दो बंदी नईम धोबी पुत्र बसीर निवासी खालापार और माशूक पुत्र शमशेर थानाभवन शामली की मौत हो गई है। दोनों बंदियों के स्वजन को सूचना दे दी गई है। दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है।

    -अभिषेक चौधरी, जेल अधीक्षक