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    Muzaffarnagar: 90 साल के बुजुर्ग की सनसनीखेज हत्या में दो सगे भाई दोषी करार, मंगलवार को होगा सजा पर फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Mon, 25 Sep 2023 05:49 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 90 वर्ष के बुजुर्ग किसान की आधी रात घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी दो सगे भाईयों को दोषी करार दिया है। घटना छह वर्ष पहले की है। शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव सादपुर में किशन शर्मा की हत्या कर दी गई थी। कल दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।

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    दोषि‍यों को मंगलवार को सजा सुनाई जाएगी।- सांकेति‍क तस्‍वीर

    मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। 90 वर्ष के बुजुर्ग किसान की आधी रात घर में घुसकर गोली मार हत्या के सनसनीखेज मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपित दो सगे भाईयों को दोषी करार दिया है। छह वर्ष पहले हत्याकांड से हड़कंप मच गया था। मंगलवार यानी कल दोषियों को सजा सुनाई जाएगी।

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    अभियोजन के अनुसार, शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव सादपुर में छह वर्ष पहले 90 वर्षीय किशन शर्मा की हत्या कर दी गई थी। वादी के अधिवक्ता राव साजिद ने बताया कि प्रमिला शर्मा पत्नी रामकुमार निवासी कच्ची सड़क ने गांव सादपुर निवासी जसवीर के बेटों विकास और धर्मवीर के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

    प्रमिला ने बताया था कि उसके पिता किशन शर्मा के नाम गांव में ही 11 बीघा कृषि योग्य भूमि है। जिसे 11 वर्ष से गांव के ही जसवीर को बंटाई पर दे रखा था। कम फसल देने के कारण उसके पिता ने जसवीर से जमीन छोड़ने के लिए कहा था। जिस पर वह नाराज था।

    22 अप्रैल 2017 की रात घर में घुसकर की थी हत्‍या 

    22 अप्रैल 2017 की रात लगभग डेढ़ बजे जसवीर के पुत्र विकास और धर्मवीर ने घर में घुसकर उसके पिता किशन शर्मा को गोली मार दी थी। गंभीर हालत के चलते मेरठ के अस्पताल में उपचार के दौरान अगले दिन किशन शर्मा की मौत हो गई थी।

    अधिवक्ता राव साजिद ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-9 में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद विकास और धर्मवीर को दोषी करार दिया।

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    नष्ट कर दिया था आला-ए-कत्ल

    अधिवक्ता राव साजिद ने बताया कि घटना के बाद पुलिस आरोपितों से आला-ए-कत्ल तमंचा बरामद नहीं कर पाई थी। आरोपितों ने उसे नष्ट कर दिया था। उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की और से घटना साबित करने के लिए आठ गवाह पेश किए, जबकि 11 सुबूत पेश किए गए।