कम्बोडिया के गैंग के लिए काम करने वाले तीन और साइबर लुटेरे गिरफ्तार, 24 करोड़ की धोखाधड़ी के दर्ज हैं मुकदमें
Muzaffarnagar News : मुजफ्फरनगर में पीडब्ल्यूडी से सेवानिवृत्त इंजीनियर आरके गोयल को गत छह सितंबर को एक अनजान नंबर से काल आई थी। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताते हुए डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 33.33 लाख रुपये की ठगी की गई थी। इसके बाद गत 11 सितंबर को साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

मुजफ्फरनगर में साइबर क्राइम पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपितों की जानकारी देते एसएसपी। सौ. पुलिस
संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। साइबर लुटेरों के कम्बोडिया के गैंग से जुड़े तीन और बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पुलिस और प्रवर्तन अधिकारी बनकर तथा फर्जी रूप से कोर्ट का सेटअप तैयार कर पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट करते हैं। इस गिरोह ने सितंबर में मुजफ्फरनगर के सेवानिवृत इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर 33.33 लाख रुपये की ठगी की थी। गिरोह से जुड़े तीन बदमाशों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार आरोपित छत्तीसगढ़ और अमृतसर के रहने वाले हैं।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि शनिवार को अमृतसर से तीन साइबर लुटेरे गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरोह के मुख्य सदस्य बीकाम कर चुके राजू निवासी एफ केएलसी ध्रुव थाना खुर्सीपार जनपद भिलाई छत्तीसगढ़, आइटीआइ कर चुके अमन सिन्हा निवासी रेलवे कालोनी वार्ड नंबर 27 थाना डल्ली रजहारा जिला बालोड छत्तीसगढ़ और हाईस्कूल पास संदीप सिंह उर्फ सुन्नी निवासी राया खुर्द थाना व्यास जिला अमृतसर को गिरफ्तार किया।
अमन और संदीप उर्फ सन्नी राजू के लिए काम करते थे। यह लोगों को लालच देकर उनका खाता खुलवाते थे और उनकी पूरी डिटेल्स राजू को भेज देते थे। राजू खातों की डिटेल्स के साथ एटीएम से रुपये निकालकर अपना हिस्सा बांटकर रुपयों की यूएसडीटी खरीदकर कम्बोडिया में बैठे साइबर लुटेरों को भेज देता था।
एसएसपी ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ 24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की 16 शिकायतें दर्ज हैं। इससे पहले 18 व 25 सितंबर को गिरफ्तार किए गए निखिल निवासी ऋषिकेश, हरप्रीत सिंह उर्फ हर्ष निवासी बस्तर छत्तीसगढ़ और दीपक जाखड़ निवासी गंगानगर राजस्थान भी राजू और कम्बोडिया में बैठे गिरोह के सरगना के लिए काम करते थे।
यह था मामला
पीडब्ल्यूडी से सेवानिवृत्त इंजीनियर आरके गोयल को गत छह सितंबर को एक अनजान नंबर से काल आई। काल करने वाले ने खुद को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का अधिकारी बताते हुए कहा कि तुम्हारे केनरा बैंक के खाते में अवैध धन का लेन-देन किया गया है और इस संबंध में दिल्ली के थाना दरियागंज में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके बाद दिल्ली पुलिस का लोगो लगाकर वीडियो काल की और आइपीएस अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। फिर अलग-अलग बैंक खातों में 33.33 लाख रुपये डलवा लिए थे। आरके गोयल की तहरीर पर गत 11 सितंबर को साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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