14 साल पहले मर चुके व्यक्ति ने कराई जमानत, SP सिटी जांच करने पहुंचे तो भाई ने कहा- ये तो असंभव है
मुजफ्फरनगर में गैंगस्टर नीरज बाबा की जमानत में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। कोर्ट में जमानती के न पहुंचने पर जांच हुई तो पता चला कि एक जमानती की मृत्यु 14 साल पहले हो चुकी है, फिर भी उसे 2022 में जमानती बनाया गया। पुलिस ने जांच रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी है और फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर
संवाद सहयोगी, मुजफ्फरनगर। गैंग्स्टर एक्ट में निरुद्ध मेरठ के कुख्यात नीरज बाबा की जमानत में चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। सालों तक कोर्ट में जमानती के न पहुंचने पर न्यायालय ने जांच के आदेश दिए। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने जांच की तो पता चला कि एक जमानती की 14 वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी हैं, जबकि वर्ष 2022 में उसको जमानती बना दिया गया।
वर्ष 2022 में खतौली थाना पुलिस ने कुख्यात नीरज बाबा के खिलाफ गैंग्स्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में वह जेल भी गया था। बाद में मेरठ के हस्तिनापुर निवासी प्रताप सिंह और बिलख सिंह नामक दो व्यक्तियों के आधार पर उसकी जमानत मंजूर कर दी गई, लेकिन जमानत के बाद से नीरज बाबा कोर्ट में पेश नहीं हुआ, और न ही दोनों जमानतदार अदालत पहुंचे।
उनके नाम पर किसी अन्य व्यक्तियों को खड़ा किया गया। न्यायालय ने संदेह के बाद पुलिस को जमानतदारों के सत्यापन का आदेश दिया। मामला गंभीर होने के चलते इसकी जांच खुद एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने की। एसपी सिटी ने हस्तिनापुर थाने के पुराने जमानत सत्यापन रिकार्ड को खंगाला तो जांच में सामने आया कि जमानतदारों द्वारा दर्ज पता फर्जी था।
मौके पर दोनों में से एक भी व्यक्ति नहीं मिला। जब वह वास्तविक लोगों तक पहुंचे तो हकीकत सामने आ गई। बिलख सिंह ने कहा कि उसके भाई प्रताप सिंह का 2008 में ही निधन हो चुका है, ऐसे में उसके नाम से जमानत होना असंभव है। एसपी सिटी ने कहा कि पूरे प्रकरण पर जांच रिपोर्ट गैंग्स्टर कोर्ट को भेज दी गई है।
साथ ही मेरठ एसएसपी से इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने के लिए पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अब थाने पर जमानतियों के सत्यापन के लिए एक महीने का विशेष सत्यापन अभियान चलाया जाएगा। जिसमें पेशेवर जमानतदारों की सूची तैयार की जाएगी।

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