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    दिल्ली से भी ज्यादा यूपी के इस शहर की हवा हुई खराब, सांस लेने पर फेफड़ों तक पहुंच रहे प्रदूषण के बारीक कण

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 05:24 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है, जहाँ का AQI दिल्ली से भी ज़्यादा है। यह शहर उत्तर प्रदेश में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ रही है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो रहा है, खासकर अस्थमा रोगियों के लिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ग्रेप-2 की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने में ढिलाई बरत रहा है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो रही है।

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    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। वायु प्रदूषण की स्थिति जिले में नियंत्रण से बाहर हो गई है। सोमवार को मुजफ्फरनगर का एक्यूआइ (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 313 पर पहुंच गया, जो दिल्ली के 301 से भी अधिक है। हालत यह है कि अब प्रदेश में सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है, जबकि देश में सातवें स्थान पर पहुंच गया है। जनपद की हवा में निरंतर जहरीले तत्व घुल रहे हैं, जिस कारण हवा में दबाव बढ़ रहा है। प्रदूषण के बारीक कण सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच रहे हैं। इससे अस्थमा रोगियों के अलावा बच्चों, वृद्धों को खतरा हो सकता है।

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    दीपावली में पटाखों के शोर-शराबा और धूम-धड़ाका के कारण वायु प्रदूषण की मात्रा निरंतर बढ़ रही है। दिल्ली-एनसीआर में शामिल मुजफ्फरनगर पर भी वायु प्रदूषण का साया मंडरा रहा है। पिछले एक सप्ताह से स्थिति में उतार-चढ़ाव बना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार को चार बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) का बुलेटिन जारी किया।

    उसके अनुसार उत्तर प्रदेश में पहले स्थान पर गौतमबुद्धनगर का एक्यूआइ 327 रहा, जबकि दूसरे स्थान पर मुजफ्फरनगर का एक्यूआइ 313 रहा, जो खतरनाक श्रेणी है। जिले में पीएम-2.5 की मात्रा 150 माइक्रोघन मीटर से अधिक रही है। ऐसी ही स्थिति पीए-10 की रही है।

    लगातार खराब हो रही हवा में सुधार के प्रयास कमतर किए जा रहे हैं। ग्रेप-2 की पाबंदियों को लागू कराने में विभाग दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। जिस कारण निरंतर प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। जहरीली होती हवा के कारण सांस लेना मुश्किल हो सकता है। इसका प्रभाव सबसे अधिक अस्थमा रोगियों पर पड़ता है।

    कड़ाई से लागू की जाएं पाबंदी तो बने बात :

    क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप)-2 की पाबंदियां लागू की है। खुले में पड़ी निर्माण सामग्री, सड़कों से उड़ती धूल तथा कोयला भट्ठियों का संचालन के साथ पुराने वाहन भी खूब दौड़ रहे हैं। जिसके चलते स्थिति अधिक घातक सिद्ध हो सकती है।

    ग्रेप में शामिल सरकारी विभाग पाबंदियों को लागू कराने में हीलाहवाली कर रहे हैं। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी गीतेशचंद्रा ने बताया कि ग्रेप में शामिल सभी विभागों को निरंतर उनके हिस्से में आने वाले कार्यों को करने के निर्देश दिए गए हैं। औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण भी शुरू कराया गया है। सभी इकाइयों को वायु प्रदूषण नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं।

    देश में सातवां सबसे प्रदूषित शहर

    बहादुरगढ़ : 387
    धारुहेड़ा : 334
    मानेसर : 330
    गौतमबुद्धनगर : 327
    फतेहाबाद : 323
    बल्लभगढ़ : 319
    मुजफ्फरनगर : 313
    दिल्ली : 301

    दस दिन में एक्यूआइ की बढ़त

    तिथि : एक्यूआइ
    18 अक्टूबर : 276
    19 अक्टूबर : 237
    20 अक्टूबर : 197
    21 अक्टूबर : 210
    22 अक्टूबर : 273
    23 अक्टूबर : 295
    24 अक्टूबर : 185
    25 अक्टूबर : 205
    26 अक्टूबर : 191
    27 अक्टूबर : 313