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    यूपी में मरने का बाद भी मिल रही है मजदूरी, ये देखकर तो अधिकारियों के भी उड़ गए होश

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 06:46 PM (IST)

    मीरापुर में मनरेगा के तहत मृतकों को मजदूर दिखाकर भुगतान का मामला सामने आया है। कैथोडा गांव के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है जिसमें ग्राम सचिव और प्रधान पुत्र पर धांधली का आरोप लगाया गया है। शिकायत के अनुसार 2020 में मृत एक व्यक्ति के नाम पर भी मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। बीडीओ ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।

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    साहब...यहां मुर्दे भी कर रहे मनरेगा में मजदूरी, पा रहे भुगतान

    संवाद सूत्र, मीरापुर। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत कार्य कराने और भुगतान में बड़ा खेल सामने आया है। यहां मुर्दों को भी मजदूर दर्शाया गया है। पांच साल पहले जिस व्यक्ति की मृत्यु हो गई, उसके नाम पर मनरेगा के तहत मजदूरी करने पर भुगतान किया जा रहा है।

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    जनसुनवाई पोर्टल पर इसको लेकर शिकायत डाली गई, तो इसे देख अधिकारी भी चौंक गए। बीडीओ ने मामले में जांच कराने की बात कही है। कैथोडा गांव निवासी रोहित ने कर शिकायत में बताया कि गांव कैथोड़ा के ग्राम सचिव अनुरोध व प्रधान पुत्र आपस में सांठगांठ करके मनरेगा मजदूरी के नाम पर धांधली कर रहे हैं।

    इतना ही नहीं ग्राम सचिव ने काम का ठेका भी प्रधान के पुत्र को दिया हुआ है। आरोप है कि गांव हाशमपुर निवासी सौराज सिंह पुत्र शंकर लाल की मृत्यु वर्ष 2020 में हो गई थी। ग्राम सचिव द्वारा कैथोड़ा गांव में मनरेगा के कार्य में सौराज सिंह को मजदूर दर्शाकर उसके नाम पर मनरेगा के रुपये भेजे जा रहे हैं।

    मंगलवार को जब तहसील जानसठ में यह शिकायत अधिकारियों के सामने पहुंची तो सब चौंक गए। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि सही से जांच हो जाए तो ऐसे कई नाम सामने आएंगे जो कई वर्ष पूर्व मर गए और उन्हें मनरेगा के तहत मजदूर दर्शाया गया है।

    ग्राम पंचायत सचिव अनुरोध का कहना है कि गलती से मजदूरी की छह किस्त का पैसा सौराज के खाते में चला गया था। ग्राम प्रधान के पुत्र रईस आजम ने बताया कि उनके पास मनरेगा का कोई ठेका नहीं है और न ही मामले की जानकारी है।

    आइजीआरएस पर शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र की गंभीरता से जांच की जा रही है। यदि मामले में सत्यता पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी। - विशाखा, बीडीओ, जानसठ।