हैदरपुर वेटलैंड पहुंचने लगे प्रवासी पक्षी, चहचहाने लगी झील...यह की गई है व्यवस्था
Haiderpur Wetland: मुजफ्फरनगर के हैदरपुर वेटलैंड में प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे झील की सुंदरता बढ़ गई है। वन विभाग ने पक्षियों की सुरक्षा के लिए निगरानी बढ़ा दी है। लगभग 500 से अधिक प्रवासी पक्षी यहां पहुंचे हैं। झील पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कैंटीन और कैफेटेरिया के संचालन के लिए दोबारा निविदा निकाली गई है।

मुजफ्फरनगर की हैदरपुर झील में पहुंचा प्रवासी पक्षी। सौ. वन विभाग
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। हैदरपुर वेटलैंड में प्रवासी पक्षियों का पहुंचना आरंभ हो गया है। मौसम सर्द होने के साथ सुबह और शाम झील के किनारों पर पक्षियों की चहचहाहट गूंज रही है। वन विभाग ने भी जलीय जीवों के साथ प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए निगरानी बढ़ा दी है। लगभग 500 से अधिक प्रवासी पक्षियों को यहां देखा गया है। इसके साथ ही कैंटीन एवं कैफेटेरिया के संचालन के लिए पुन: निविदा निकाली गई है। इससे झील पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
पतित पावनी मां गंगा की गोद में बनी हैदरपुर झील को रामसर साइट घोषित किया जा चुका है। यहां पर प्रत्येक वर्ष अक्टूबर से लेकर मार्च तक प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, जो यहीं पर रहकर प्रजनन के साथ विभिन्न अठखेलियां कर लोगों को आकर्षित करते हैं। वन विभाग ने इसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की है। हैदरपुर झील के निकट संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही की निगरानी बढ़ाई गई है। प्रवासी पक्षियों के बीच शिकारी भी सक्रिय होते हैं, जो जलीय जीवों का शिकार करते हैं। वन विभाग के अनुसार लगभग यहां 500 से अधिक प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं। जिनमें कामन पोचार्ड, गैडवाल, फेरुजिनस बत्तख, पेंटेड स्टार्क, रूठी संलडक, पोवार्ड, पिनटेल, वैगटेल स्टोर्क, गान्स, पाइड अवोसेट, लैग्ड गीज पहुंचने लगे हैं।
यहां से पहुंचते हैं प्रवासी पक्षी
हैदरपुर झील में कनाडा, साइब्रेरिया, रशिया, मंगोलिया इत्यादि देशों से अक्टूबर माह में प्रवासी पक्षियों ने गंगा के किनारों व झील शोभा बढ़ाने आते हैं। इन दिनों इनके मूल स्थानों पर भारी बर्फ पड़ती है, जिस कारण पक्षियों के भोजन के साथ आशियाना भी तहस-नहस होता है। इस पर यह अनुकूल वातावरण की तलाश एवं प्रचूर मात्रा में भोजन के लिए हैदरपुर झील का रुख करते हैं। प्रवासी पक्षियों की लगभग 45 प्रजाति तथा स्वदेशी 267 से अधिक पक्षियों की प्रजाति देखी जा चुकी हैं।
सबसे ऊंची उड़ान में माहिर राजहंस
सुर्खाब पक्षी लद्दाख क्षेत्र से भारत के उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में सर्दियों में प्रवास करने आते हैं। वहीं नार्दन पेंटल एवं बैल्क विरड स्टिलिट मंगोलिया एवं यूरोप से आते हैं। इनमें राजहंस पक्षी मानसरोवर झील से सर्दियों में उत्तरी मैदानी भागों में आता है। यह पक्षी सबसे ऊंची उड़ान भरता है। यह विश्व में सबसे अधिक ऊंचाई पर उड़ान वाला पक्षी है।
लगभग चार माह तक यहां रहते हैं प्रवासी पक्षी
प्रवासी पक्षियों का पहुंचना आरंभ हो गया है। बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों की कई प्रजाति देखी गई है। पक्षियों के साथ जलीय जीवों की सुरक्षा, निगरानी बढ़ाई गई है। लगभग चार माह तक प्रवासी पक्षी यहां रहते हैं। क्षेत्रीय रेंजर के साथ वन दारोगा को निर्देश दिए गए हैं। वहीं कैंटीन संचालन के लिए पुन: निविदा निकाली गई है।- राजीव कुमार, डीएफओ, मुजफ्फरनगर।

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