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    UP News: मीरापुर सीट पर उपचुनाव में होगा दिलचस्प मुकाबला, 2022 में रालोद ने सपा गठबंधन में जीता था चुनाव

    Meerapur Assembly By Election Update News मीरापुर सीट पर होने जा रहा उपचुनाव का मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। क्योंकि दो साल के भीतर ही समीकरणों में बड़ा उलटफेर हो चुका है। दो साल पूर्व जब विधानसभा चुनाव हुआ था तो रालोद और भाजपा प्रत्याशी के बीच सीधा मुकाबला था। इसका फायदा रालोद को मिला था। इस बार चुनावी पिच पर दोस्त और प्रतिद्वंद्वी बदल चुके हैं।

    By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 16 Oct 2024 11:23 AM (IST)
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    खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर का उपयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की घोषणा कर दी है। जिले की मीरापुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। राजनीतिक दल इस सीट पर उपचुनाव को लेकर काफी दिन से तैयारी में हैं। टिकट पाने को दावेदार अपनी ताकत लगा रहे हैं। इस सीट पर वर्ष 2022 में रालोद जीता था। तब रालोद का सपा से गठबंधन था।

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    रालोद प्रत्याशी चंदन सिंह चौहान ने भाजपा प्रत्याशी प्रशांत चौधरी को 27380 वोटों के अंतर से हराया था। रालोद प्रत्याशी को 107421 वोट मिले थे, जबकि भाजपा प्रत्याशी को 80041 वोट हासिल हुए थे। तीसरे स्थान पर बसपा प्रत्याशी मोहम्मद सलीम रहे थे, उनको 23797 वोट मिले थे। जबकि आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी उमेश को 1628 वोट और कांग्रेस प्रत्याशी जमील अहमद 1258 वोट पाकर पांचवें स्थान पर रहे थे।

    चंदन सिंह बने बिजनौर सीट से सांसद

    लोकसभा चुनाव 2024 में रालोद का भाजपा के साथ गठबंधन रहा, जिसके चलते विधायक चंदन सिंह चौहान को रालोद ने बिजनौर सीट से चुनाव लड़ाया। इसमें उन्होंने जीत दर्ज की और सपा प्रत्याशी दीपक सैनी को हराया। इसी कारण मीरापुर विधानसभा सीट रिक्त हुई है और अब उपचुनाव होना है।

    राजनीतिक दलों की दावेदारी 

    उपचुनाव में एक तरफ भाजपा-रालोद गठबंधन है, तो दूसरी तरफ सपा-कांग्रेस गठबंधन है। भाजपा-रालोद गठबंधन में यह सीट रालोद को मिलनी लगभग तय है। रालोद से टिकट के दावेदारों में सांसद चंदन चौहान की पत्नी यशिका चौहान, रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, प्रदेश संगठन महामंत्री अजित राठी, मंडल अध्यक्ष प्रभात तोमर, पूर्व विधायक नवाजिश आलम, राव अब्दुल वारिश, मिथलेश पाल, रमा नागर का नाम चर्चा में है। उधर, सपा-कांग्रेस गठबंधन में अभी ऊहापोह की स्थिति है। क्योंकि दोनों ही पार्टी के नेता दावेदारी करने में लगे हैं।

    सपा से पूर्व सांसद अपने पुत्र के लिए चाह रहे टिकट

    सपा से पूर्व सांसद कादिर राना अपने पुत्र को चुनाव लड़ाना चाहते हैं, तो प्रदेश सचिव इलम सिंह गुर्जर, मुखिया गुर्जर, आदेश चौधरी जैसे कई नाम सपा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस से पूर्व मंत्री सईदुज्जमा के पुत्र सईद अनवर समेत कई दावेदार हैं। बहुजन समाज पार्टी ने शाहनजर इस सीट से प्रभारी घोषित किया है, जबकि आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने जाहिद का प्रत्याशी बनना लगभग तय है। थर्ड जेंडर हैं।

    जयंत चौधरी की पार्टी को मिल सकती है इस सीट पर टिकट।

    तीन बार हुआ है चुनाव

    वर्ष 2012 में अस्तित्व में आई मीरापुर सीट पर अब तक तीन बार चुनाव हुआ। इसमें एक बार बसपा, एक बार भाजपा और एक बार रालोद जीती है। उससे पहले यह क्षेत्र मोरना विधानसभा सीट था। आगामी 18 अक्टूबर से उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ 25 अक्टूबर तक नामांकन पत्र जमा कराए जाएंगे। उसके लिए प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं।

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    जातीय समीकरण

    मीरापुर सीट पर सर्वाधिक मतदाता लगभग सवा लाख मुस्लिम हैं, तो दूसरे नंबर पर अनुसूचित वर्ग के लगभग 50 हजार मतदाता हैं। जाट बिरादरी के मतदाताओं की संख्या 35 हजार, पाल समाज की 20 हजार, गुर्जर 18 हजार, सैनी 20 हजार बताई जाती है। वर्ष 2013 में सांप्रदायिक दंगा इसी क्षेत्र के गांव कवाल में सचिन व गौरव की हत्या के बाद हुआ था। इसके चलते सभी पार्टी के नेता यहां प्रत्याशी घोषित करने में पूरी गंभीरता बरत रहे हैं।

    रालोद और समाजवादी पार्टी का पिछले विधानसभा चुनाव में गठबंधन।

    मतदाताओं का आंकड़ा

    • पुरुष : 1,71,560
    • महिला : 1,52,255
    • थर्ड जेंडर :
    • 15 कुल मतदाता : 3,23,830

    आमने-सामने के मुकाबले में जीता था रालोद

    खास बात यह है कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एकदम हाशिये पर थे। कांग्रेस के प्रत्याशी जमील अहमद को सिर्फ 1258 वोट मिले थे, जबकि आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी उमेश 1628 वोट लेकर कांग्रेस प्रत्याशी से आगे रहे थे। इस चुनाव में रालोद प्रत्याशी चंदन सिंह चौहान और भाजपा प्रत्याशी प्रशांत चौधरी में सीधा मुकाबला हुआ था। इसी कारण तीसरे नंबर पर रहे बसपा प्रत्याशी मोहम्मद सलीम को सिर्फ 23797 वोट ही मिल पाए थे। इसी से अंदाज लगाया जा रहा है कि लगभग सवा तीन लाख मतदाता वाली इस सीट पर आमने सामने का ही था।