ब्रितानी 'रुआब' चाहें..तो कमला नेहरू वाटिका आएं
मेरठ रोड़ स्थित कंपनी बाग (अब कमला नेहरु वाटिका) ब्रिटिश हुकूमत की यादें संजोए हुए है। कंपनी बाग के गेट से लेकर रानी विक्टोरिया का दरबार ऐतिहासिक है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। मेरठ रोड स्थित कंपनी बाग (अब कमला नेहरू वाटिका) ब्रिटिश हुकूमत की यादें संजोए है। कंपनी बाग के गेट से लेकर रानी विक्टोरिया का दरबार ऐतिहासिक है। अफसरशाही सही रूप से रख-रखाव करे तो यहां पर्यटक रुख कर सकते हैं। सहारनपुर मंडल में यह अकेला पार्क है जो सुंदरता का अनोखा दर्शन कराता है। बताते हैं कि 19वीं शताब्दी में यह पार्क वजूद में आया और ब्रितानियों के टहलने की मुख्य जगह थी। लगभग 150 बीघा भूमि में फैला कंपनी बाग खुद के भीतर अनोखी दास्ता समेटे हुए है।
नगर पालिका प्रशासन के मुताबिक कंपनी बाग आजादी से पहले की यादों का उदाहरण है। यूनाइटेड किगडम की महारानी विक्टोरिया का यहां दरबार बना हुआ है, जिसमें वह अपने अधीनस्थों की बैठक लेतीं थीं। इसके अलावा पार्क के चार द्वार बने हैं, जिन्हें ब्रिटिश काल में ढलाई के जरिए के बनाया गया है। यह लोहे के विशेष मेटल से तैयार किए गए हैं। वर्ष 1935 में पंडित जवाहर लाल नेहरू अपनी पत्नी कमला नेहरु के साथ यहां आए थे। पालिका स्थापना के बाद पार्क को नाम कमला नेहरू वाटिका किया गया।
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50 बीघे में बना
फूलों का चमन
पार्क पूर्व केयरटेकर तनीवर आलम ने बताया कि के भीतर करीब 50 बीघा में फूलों का चमन बना है, जिसमें अनेक प्रजातियों को फूल, 100 बीघा में पेड़ और वृक्ष लगे हैं। यह चमन पर्यटकों के साथ नागरिकों को खूब लुभाता है। इसके भीतर एक किलोमीटर की पक्की सड़क बनाई गई है। जिसे मॉर्निंग वॉक ट्रैक नाम दिया गया है। इसके अलावा पार्क में फव्वारा लगा है, जिसमें रंगीन रोशनी का इंतजाम है।
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बच्चों के लिए
बना चिल्ड्रन पार्क
कंपनी बाग में रोजाना घूमने वालों की तादाद पालिका करीब 5 हजार रोजाना मानती है। वर्ष 2005 में चिल्ड्रन पार्क बनाया गया। जिसमें अनेक झूले लगाए गए। सुबह-शाम पार्क में नागरिकों की भीड़ रहती है। बच्चों के मनोरंजन में यहां कोई कमी नहीं है। हालांकि कुछ झूले टूट चुके हैं, जिन्हें पालिका बनाने की कवायद कर रही है।
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म्युजिकल फाउंटेन व ओपन
जिम भी
ईओ विनय कुमार मणि ने बताया कि कंपनी बाग अनोखा पार्क है। इसे पर्यटक के रूप में विकसित करने के लिए काम हो रहा है। विकास प्राधिकरण के सहयोग से यहां ओपन जिम की स्थापना होगी, जबकि लाखों रुपये खर्च कर म्यूजिकल फाउंटेन का निर्माण कराया जा रहा है। सैर-सपाटे के साथ लोगों को आनंद मिल सके। पार्क के सौंदर्यीकरण के बाद यहां पर्यटकों का रुख होगा। इसके लिए कार्य को धरातल पर लाने की जरूरत है।
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