जैन मुनि नयन सागर पर 20 को आएगा निर्णय
चंडीगढ़ में हंगामे के बाद गठित हुई थी 15 सदस्यीय जांच कमेटी
मुजफ्फरनगर : युवती के कमरे में प्रवेश करते जैन मुनि नयन सागर महाराज के सीसीटीवी फुटेज की सत्यता की जांच के लिए 15 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन चंडीगढ़ में हुआ था। कमेटी 20 अगस्त को जांच पूरी कर मामले से जुड़े तथ्य अंबाला में जैन समाज के लोगों के समक्ष सार्वजनिक कर सकती है।
सीसीटीवी फुटेज में युवती के कमरे में प्रवेश करते जैन मुनि नयन सागर महाराज का वीडियो वायरल होने के बाद अफरातफरी मची है। इस घटना के बाद जैन मुनि अतिशय क्षेत्र वहलना से चंडीगढ़ के लिए विहार कर गए थे। तभी से वह चंडीगढ़ में चातुर्मास कर रहे हैं। गत आठ अगस्त को चंडीगढ़ पहुंचे दिल्ली, मेरठ व खतौली आदि के जैन समाज के लोगों ने जैन मुनि के विरुद्ध जमकर हंगामा किया। इसके बाद चंडीगढ़ जैन समाज के लोगों ने बैठक की, लेकिन कोई निर्णय नहीं निकला। इसके लिए 15 सदस्यीय कमेटी बनाई गई। तय हुआ कि 18 अगस्त को कमेटी बैठक कर अंतिम निर्णय लेगी कि जैनमुनि पद पर बने रहेंगे या नहीं। वायरल वीडियो की भी जांच होगी। सकल जैन समाज, खतौली के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन ने बताया कि पहले समिति की बैठक 18 अगस्त को दिल्ली में बुलानी तय थी, लेकिन जैन समाज के लोग एक कार्यक्रम में गए हुए हैं। इसके चलते अब कमेटी 20 अगस्त को अंबाला में बैठक कर बैठक कर जैन मुनि के मामले पर निर्णय लेगी। 20 अगस्त को खतौली जैन समाज के लोग भी अंबाला जाएंगे। कमेटी में पांच लोग चंडीगढ़ जैन समाज के हैं। पांच लोग पश्चिमी जैन समाज तथा पांच लोग विभिन्न क्षेत्रों से शामिल किए गए हैं। जैनमुनि के समर्थन में उतरी चंडीगढ़ जैन सोसायटी
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर : श्री दिगंबर जैन सोसायटी-चंडीगढ़ जैन मुनि के पक्ष में उतर आई है। दिगंबर जैन सोसायटी के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में बताया गया है कि जैन मुनि संबंधी वायरल हो रहा सीसीटीवी फुटेज प्रकरण बिल्कुल झूठा है। इसमें चंडीगढ़ जैन समाज का नाम बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। वायरल मैसेज में चंडीगढ़ जैन समाज का यह कहना है कि महाराज नयन सागर महाराज को चातुर्मास के लिए श्रद्धा से लाया गया था और 29 जुलाई से चातुर्मास निर्विघ्न चल रहा है। शास्त्रों के अनुसार, अगर चातुर्मास में बैठ जाएं तो उसका बीच में विच्छेदन नहीं करना चाहिए। इस सारे प्रकरण में दोषी या निर्दोष का फैसला करने का अधिकार सिर्फ नयन सागर महाराज के गुरु आचार्य निर्मल सागर महाराज को है।
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