Muzaffarnagar: आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म में मदरसे के हाफिज को उम्रकैद; 13 दिन में चार्जशीट, 40 दिन में सुनवाई, कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
Muzaffarnagar Crime News In Hindi आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म में हाफिज को आजीवन कारावास। कोर्ट ने 40 दिन में पूरी की सुनवाई 13 दिन में दी थी चार्जशीट। पीड़िता सात दिन तक मेडिकल कालेज मेरठ में भर्ती रही थी। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया और विवेचना पूर्ण कर छह अक्टूबर 2023 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट के न्यायालय ने आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म करने के मामले में दोषी मदरसे के हाफिज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सिर्फ 40 दिन के भीतर निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड से आई धनराशि का भुगतान क्षतिपूर्ति के रूप में पीड़िता को किया जाएगा।
बुढ़ाना में हुआ था केस दर्ज
विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा और मनमोहन वर्मा ने बताया कि 23 सितंबर 2023 को बुढाना थाना क्षेत्र के एक गांव में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म किया गया था। बताया कि पीड़िता की मां ने इस मामले में मदरसा के हाफिज इरफान पुत्र कालू निवासी बवाना थाना बुढ़ाना के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
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कमरे की झाड़ू लगाने के बहाने बुलाया था
आरोप था कि हाफिज इरफान ने उसकी आठ साल की बच्ची को कमरे में झाड़ू लगाने के बहाने बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद बच्ची की हालत बिगड़ गई। बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया जहां से उसे हायर सेंटर मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया था।
आजीवन कारावास की सजा
इस मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट) बाबूराम ने की। गत 11 अक्टूबर 2023 को कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया था। मामले की सुनवाई मात्र 40 दिन में पूरी करते हुए सोमवार को कोर्ट ने हाफिज इरफान को दोषी करार दिया था। विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा और मनमोहन वर्मा ने बताया कि मंगलवार को कोर्ट में सजा के प्रश्न पर सुनवाई हुई। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
दोषी मदरसा हाफिज पर कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी
दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाते हुए कोर्ट ने दोषी ठहराए गए मदरसा हाफिज पर तल्ख टिप्पणी की। न्यायाधीश ने कहा कि यदि एक शिक्षक संस्थान में पढ़ने वाली छात्रा से इस प्रकार का कृत्य करता है, तो आम आदमी शिक्षण संस्थान में लड़कियों को पढने के लिए नहीं भेजेगा। शिक्षक पर अविश्वास उत्पन्न हो जाएगा। यदि ऐसे अभियुक्त के प्रति उदार दृष्टिकोण अपनाया जाता है तो उससे समाज में गलत संदेश जाएगा।