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    मुजफ्फरनगर में GST चोरी कर 1,300 करोड़ के फर्जी ई-वे बिल बनाने वाले दो गिरफ्तार, मास्टरमाइंड अभी भी फरार

    मुजफ्फरनगर में पुलिस ने जीएसटी चोरी के लिए फर्जी ई-वे बिल बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मेरठ और मुजफ्फरनगर के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि सरगना फरार है। गिरोह 1300 करोड़ रुपये के फर्जी ई-वे बिल बना चुका है। आरोपियों से लैपटॉप प्रिंटर मोबाइल और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:48 PM (IST)
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    मुजफ्फरनगर में GST चोरी कर 1,300 करोड़ के फर्जी ई-वे बिल बनाने वाले दो गिरफ्तार (File Photo)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। जीएसटी चोरी के लिए फर्जी ई-वे बिल से लेकर ट्रांसपोर्ट बिल्टी और अन्य प्रपत्र तैयार करने वाले गिरोह का पुलिस ने राजफाश किया है।

    यह गिरोह अब तक 1,300 करोड़ रुपये के फर्जी ई-वे बिल तैयार कर चुका है। मेरठ और मुजफ्फरनगर निवासी दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है।

    सरगना अभी फरार है। आरोपितों से लैपटॉप , प्रिंटर, मोबाइल और फर्जी मुहर व बिल के साथ अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

    एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि जेडके काम्प्लेक्स में कुछ लोग फर्जी फर्मों के बिल व फर्जी जीएसटी बिल व धर्मकांटों की फर्जी रसीदों से ई-वे बिल तैयार कर जीएसटी चोरी कर रहे हैं। पुलिस ने बुधवार सुबह छापेमारी की और मोहम्मद नदीम निवासी मेरठ और मोहम्मद समीर निवासी मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार किया।

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    सिर्फ पर्ची में ही होती थी माल की खरीददारी

    आरोपितों ने बताया कि वे शादाब के लिए काम करते हैं। शादाब अक्शा रिसाइक्लिंग एंड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्म चलाता है। शादाब ई-वे बिल भेजता है, जबकि वे दोनों कंपनियों से संपर्क में रहते हैं। कंपनियों द्वारा माल की खरीदारी व परिवहन के फर्जी बिल तथा फर्जी धर्म कांटा पर्ची तैयार करते हैं। वास्तव में माल की खरीदारी व परिवहन नहीं होता है।

    उनकी ट्रांसपोर्ट पर्ची भी यहीं पर तैयार करते हैं। धर्म कांटा पर्ची और ट्रांसपोर्ट बिल्टी पर उन गाड़ियों का नंबर डालते हैं, जिनकी लिस्ट पहले से उनके पास होती है। जीएसटी चोरी के लिए टैक्स इनवाइस, ई-वे बिल, ट्रांसपोर्ट बिल्टी व धर्म कांटे की पर्ची के साथ एक फाइल तैयार करते थे।

    1300 करोड़ रुपये के तैयार किए फर्जी बिल

    तैयार बोगस फाइल व बिल का इस्तेमाल कर शादाब सरकार से 18 प्रतिशत जीएसटी के हिसाब से आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) ले लेता है। अब तक शादाब के साथ मिलकर 1,300 करोड़ से अधिक के फर्जी बिल तैयार किए हैं। दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। एसएसपी ने खालापार थाना पुलिस को 25 हजार रुपये इनाम से पुरस्कृत करने का घोषणा की है।

    जीएसटी के संयुक्त आयुक्त सिद्धेश कुमार दीक्षित का कहना है कि जीएसटी चोरी के मामले की जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया पकड़े गए आरोपितों के बयान के आधार पर देखा जाए तो लगभग 1,300 करोड़ के फर्जी बिल बनने के बाद इन पर 18 प्रतिशत के हिसाब से 234 करोड़ की जीएसटी क्लेम बनता है। केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग की टीम भी जांच कर रही है।