UP News: मुजफ्फरनगर में ग्राम विकास अधिकारी ने 21 लाख रुपये की हेराफेरी की, सस्पेंड
मुजफ्फरनगर में वीडीओ को 21 लाख की हेराफेरी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का उल्लंघन करते हुए पुराने आईडी से भुगतान किया और डस्टबिन के नाम पर भी गड़बड़ी की। निरीक्षण में कचरा पात्र टूटे मिले और गंदगी पाई गई। सचिव ने डीपीआरओ को गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन पोर्टल से भुगतान की जानकारी मिलने पर उनकी धोखाधड़ी उजागर हो गई।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। मोरना ब्लाक की ग्राम पंचायत कम्हेड़ा के ग्राम विकास अधिकारी को जिला पंचायत राज अधिकारी ने लगभग 21 लाख रुपये की हेराफेरी में निलंबित किया है।
इन्होंने 17.43 लाख रुपये का भुगतान ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से न करके नियम विरुद्ध पिछले वर्षों की आइडी से कर दिया। वहीं गांव में 3.68 लाख रुपये के डस्टबिन दर्शा दिए, जबकि मौके पर नहीं मिले। इस मामले में ग्राम प्रधान को भी तलब किया जाएगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव और सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने 16 सितंबर को गांव कम्हेड़ा का निरीक्षण किया था। पाया गया कि गांव के मुख्य मार्ग पर बने कचरा पात्र टूटे हुए हैं। साथ ही गंदगी पसरी हुई मिली।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में पंचम राज्य वित्त आयोग एवं 15वें वित्त आयोग की प्राप्त धनराशि के सापेक्ष पहली अप्रैल 2025 से 10 सितंबर 2025 तक कुल 17,43,769 रुपये आहरित किए गए। ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की रिपोर्ट देखने पर पाया गया कि गांव में वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना में दर्शाए कार्यों पर एक भी भुगतान नहीं किया गया है।
उक्त समस्त धनराशि का भुगतान पिछले वर्षों की आईडी पर किया गया है, जो नियम विरुद्ध हैं और ऐसा करने से गबन की आशंका गहरा गई है। साथ ही सचिव ने निर्माण कार्यों के एस्टीमेट संबंधित इंजीनियर से न कराकर अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से कराई गई।
वही ग्राम पंचायत में विभिन्न स्थानों पर डस्टबिन स्थापना कार्य दर्शाकर 3,68,139 रुपये की धनराशि आहरित कर ली। जबकि मौके पर डस्टबिन नहीं मिली।
डीपीआरओ ने बताया कि ग्राम पंचायत-कम्हेडा के ग्राम पंचायत सचिव फैसल अली से कार्यों की पत्रावली, कैश बुक प्रस्तुत करने को कहा तो सभी अभिलेख घर पर रखे होने की बात कही। शासकीय कार्य में अनियमितता पर उन्हें निलंबित कर दिया है। फिलहाल बीडीओ सदर कार्यालय में अटैच किया गया है। एडीओ पंचायत सदर सतेंद्र कुमार को जांच दी गई है।
डीपीआरओ को गुमराह करने का किया प्रयास
निरीक्षण के दौरान सचिव ने डीपीआरओ को गुमराह करने का प्रयास भी किया। जब डीपीआरओ ने ग्राम पंचायत सचिवालय में सचिव फैसल अली से ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर वर्ष 2025-26 की ग्राम पंचायत विकास योजना दिखाने को कहा तो सचिव ने कहा कि इंटरनेट बंद है।
इस पर डीपीआरओ ने मोबाइल हाट-स्पाट से कनेक्ट कर पोर्टल से भुगतान संबंधित जानकारी देखी, जिसमें सचिव की करतूत सामने आई।
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