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    यूपी के इस जिले में अनोखी बलि; 24 साल से निसंतान दंपती ने तांत्रिक के कहने पर मंदिर में किया ऐसा काम, अब हुए गिरफ्तार

    Muzaffarnagar Crime News Update संतान की चाहत में मंदिर में दी थी कबूतर की बलि। पुलिस ने चार को किया गिरफ्तार। लोगों ने आशंका जताई थी कि इस हरकत के जरिये गांव के आपसी सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया गया। गांव के ही मुकेश ने अज्ञात में मुकदमा दर्ज कराया था। एसएसपी अभिषेक सिंह ने सीओ सदर राजू कुमार साव के नेतृत्व में टीम गठित की थी।

    By Mukesh Tyagi Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sat, 08 Jun 2024 08:26 AM (IST)
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    UP News: संतान की चाहत में मंदिर में दी थी कबूतर की बलि, चार गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। संतान की चाहत में मंदिर में कबूतर की बलि देकर धार्मिक भावना आहत करने के चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपितों पर पशु क्रूरता अधिनियम की धारा भी बढ़ा दी है। पहले पुलिस ने धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ कर भावनाओं को भड़काने और आर्थिक नुकसान आदि की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।

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    शुक्रवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया, गत 30 मई को चरथावल थानाक्षेत्र के रोनीहरजीपुर गांव के मंदिर की एक मूर्ति और फर्श पर खून के छींटे मिले थे। इस पर ग्रामीणों ने हंगामा किया था। 

    एसपी सिटी ने बताया, जांच के दौरान चरथावल थाना प्रभारी जसवीर सिंह को पता चला कि गांव का ही ऋषिपाल पुत्र वीर सिंह तंत्र-मंत्र करता है। गुरुवार को पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो पूरे प्रकरण का राजफाश हो गया। पुलिस ने ऋषिपाल के अलावा गांव के ही मनीष उर्फ मोनू पुत्र धर्मपाल, सुभाष पुत्र किशना और इंद्रपाल पुत्र दलेल को गिरफ्तार कर लिया।

    24 साल से इंद्रपाल के बच्चे नहीं हो रहे थे

    एसपी सिटी ने बताया, 24 साल से इंद्रपाल के बच्चे नहीं हो रहे थे। सुभाष ने इंद्रपाल को बताया था कि गांव के ही मनीष के बच्चे नहीं हो रहे थे, लेकिन तांत्रिक ऋषिपाल द्वारा कराए गए अनुष्ठान के बाद मनीष के घर में बच्चा हो गया। इंद्रपाल ने मनीष से जानकारी की तो उसने पुष्टि कर दी। इसके बाद सुभाष व मनीष, इंद्रपाल को तांत्रिक ऋषिपाल के पास ले गए।

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    ऋषिपाल ने किसी जानवर की बलि देने के लिए कहा था, लेकिन बालाजी की पूजा करने वाले इंद्रपाल ने जानवर की बलि देने से मना कर दिया। इस पर ऋषिपाल ने कबूतर की बलि देने के लिए कहा था। ऋषिपाल की बातों में आकर 29 मई को इंद्रपाल, सुभाष और मनीष ने जंगल में जाल बिछाकर कबूतर पकड़ लिया और रात में मंदिर में जाकर आरोपितों ने कबूतर की बलि दे दी।

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    किसी को उन पर शक न हो आरोपितों ने मंदिर के शीशे भी तोड़ दिए थे। पत्रकार वार्ता के बाद पुलिस ने चारों आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।