किसान नेता गुलाम मोहम्मद जौला का निधन
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। भारतीय किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जौला गांव निवासी बाबा गुलाम मोहम्मद का हृदयगति रुक जाने से 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। किसान नेता के अंतिम दर्शन के लिए जनप्रतिनिधियों एवं लोगों का तांता लगा रहा। बुढ़ाना क्षेत्र के जौला गांव निवासी गुलाम मोहम्मद ने अपना जीवन किसानों की आवाज बुलंद करने और आंदोलनों में बिताया। भारतीय किसान यूनियन का नेतृत्व जब महेंद्र सिंह टिकैत के हाथों में था तब गुलाम मोहम्मद जौला उनके आंदोलनों का मंच संभाला करते थे। मंच संचालन के दौरान वह अपने चुटकुलों से लोगों को खूब हंसाते थे। वे कई बार बाबा टिकैत के साथ जेल भी गए। लेकिन, 2013 के दंगों के बाद भाकियू और गुलाम मोहम्मद के बीच मनमुटाव हो जाने के कारण उनकी राह अलग हो गई। इसके बाद उन्होंने भारतीय किसान मजदूर मंच के नाम से अपना अलग संगठन बना लिया था। हालांकि सिसौली में होने वाले बड़े कार्यक्रमों में वह शामिल होते रहे। मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में गुलाम मोहम्मद ने दंगों की बुरी यादों को भुलाकर भाईचारा कायम करने की बात कही। जहां रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने गुलाम मोहम्मद के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया और चौधरी नरेश टिकैत उनके गले लगे थे। सोमवार शाम उनके शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, ग्राम प्रधान हाजी जमशेद, विधायक पंकज मलिक, पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस, रालोद जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर, सुबोध त्यागी, डा. अनिल डबास, मुन्ना प्रधान, जिया चौधरी व वसीम राणा आदि मौजूद रहे।
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