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    पुत्र ने अपने पूर्व विधायक पिता को जेल में पहुंचाया था मोबाइल... यूं हुआ मुकदमा और अब गिरफ्तारी

    By Vashu Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Thu, 06 Nov 2025 07:27 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर में बसपा के पूर्व विधायक शाहनवाज राना के बेटे अब्दुल आहद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने अपने पिता को जेल में मोबाइल फोन पहुंचाया था। न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद यह गिरफ्तारी हुई। अब्दुल ने जैकेट में छिपाकर मोबाइल पहुंचाया था। पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।

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    मुजफ्फरनगर के नई मंडी कोतवाली पुलिस की गिरफ्त में पूर्व विधायक शाहनवाज राना का बेटा आहद राना। सौ. पुलिस

    संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। बसपा के पूर्व विधायक शाहनवाज राना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नई मंडी कोतवाली पुलिस ने उनके छोटे बेटे अब्दुल आहद को गिरफ्तार किया है। उस पर अपने पिता को जिला कारागार में बंद रहने के दौरान मोबाइल फोन पहुंचाने का आरोप है। न्यायालय द्वारा उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया, यहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया।

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    बता दें कि गत पांच दिसंबर 2024 को सीजीएसटी डीजीजीआइ की टीम ने वहलना चौक के निकट पूर्व सांसद कादिर राना की स्टील फैक्ट्री में छापा मारा था। टीम पर हमले के आरोप में कादिर राना के भतीजे पूर्व विधायक शाहनवाज राना निवासी मेरठ रोड मुजफ्फरनगर समेत कई लोगों को सिविल लाइंस थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद 25 मार्च 2025 को जिला कारागार में चेकिंग के दौरान शाहनवाज राना के पास से मोबाइल फोन बरामद हुआ था। उक्त मामले में 26 मार्च को तत्कालीन जेलर राकेश कुमार ने नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।

    जांच में पता चला कि शाहनवाज के पास उसके बेटे अब्दुल आहद ने मोबाइल फोन भिजवाया था। साथ ही उस मोबाइल में प्रयोग किया जा रहा सिमकार्ड शाहनवाज के समधी बिजनौर जनपद की बढ़ापुर विधानसभा सीट से बसपा के पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी ने उपलब्ध कराया था। वह सिम मोहम्मद गाजी के नौकर आमिर के बेटे समीर निवासी बिजनौर की आइडी पर लिया गया था। पुलिस ने 17 अप्रैल 2025 को मोहम्मद गाजी को भी गिरफ्तार किया था। गत चार जुलाई 2025 को मोहम्मद गाजी को जमानत मिल गई थी।

    वहीं, प्रशासनिक व्यवस्था में शाहनवाज का चित्रकूट जेल में स्थानांतरण कर दिया था। लगभग आठ महीने जेल में रहने के बाद 23 अगस्त 2025 को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद शाहनवाज राना को रिहा कर दिया गया था।
    एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि अब्दुल आहद राना 26 मार्च को नई मंडी में दर्ज किए गए मुकदमे में वांछित चल रहा था। इस संबंध में न्यायालय की ओर से गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे। बुधवार रात मुखबिर की सूचना पर मेरठ रोड पर भंगेला चेकपोस्ट से अब्दुल आहद को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि जांच में सामने आया था कि अब्दुल आहद ने ही अपने पिता शाहनवाज को मोबाइल फोन पहुंचाया था। आरोपित को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

    जैकेट की जेब में छिपाकर ले गया था मोबाइल
    पूर्व विधायक शाहनवाज के बेटे अब्दुल आहद ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह मोबाइल फोन को जैकेट की जेब में छिपाकर जिला कारागार में लेकर गया था। जैकेट मोटी होने की वजह से किसी को पता नहीं चला। मुलाकात के बहाने उसने पिता को मोबाइल उपलब्ध कराया था।

    इन धाराओं के तहत हुई गिरफ्तारी
    धारा बीएनएस : सजा का प्रावधान
    318 (धोखाधड़ी) : अधिकतम सात वर्ष का कारावास
    336(2) (जालसाजी) : आजीवन या 10 वर्ष तक का कारावास
    338 : सात वर्ष तक का कारावास व जुर्माना
    339 : उपरोक्त
    61 (षड्यंत्र) : छह माह तक का कारावास व जुर्माना
    42 (कारागार अधिनियम): छह माह तक का कारावास व जुर्माना