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    लविश चौधरी के एजेंटों के यहां ईडी का छापा, नौ घंटे की छानबीन

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 05:42 AM (IST)

    दुबई में बैठे लविश चौधरी उर्फ नवाब के एजेंटों पर ईडी ने मुजफ्फरनगर के नरा गांव में छापेमारी की। कामरान, शौकीन और बिलाल के घरों पर नौ घंटे तक तलाशी चली। ये एजेंट फोरेक्स ट्रेडिंग में निवेश कराते थे। ईडी कुछ दस्तावेज ले गई है और दो लोगों को हिरासत में लेने की चर्चा है, पर पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस को छापे की जानकारी नहीं दी गई थी।

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    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। दुबई में बैठकर फारेक्स ट्रेडिंग कंपनियों में करोड़ों रुपये निवेश कराने वाले लविश चौधरी उर्फ नवाब के खास एजेंटों के यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापेमारी की। सुबह छह बजे ईडी की टीम छह गाड़ियों में सवार होकर मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नरा पहुंची।

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    यहां कामरान, शौकीन व बिलाल के मकान पर छापा मारा। लगभग नौ घंटे तक छानबीन चली। तीनों मकानों पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहे, जबकि स्थानीय पुलिस को नहीं बुलाया गया था। चर्चा है कि दो लोगों को ईडी ने हिरासत में लिया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

    बता दें कि गाजियाबाद जिले पसौंडा गांव निवासी लविश चौधरी उर्फ नवाब नौ साल पहले मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नरा में आकर रहा था। यहां उसने कौशल विकास ट्रेनिंग सेंटर खोलकर लोगों को अपने साथ जोड़ा और फिर आनलाइन फोरेक्स ट्रेडिंग के धंधे में घुस गया।

    बोट ब्रो, एलगोबोट आदि नाम से कंपनियां बनाकर हजारों लोगों से 500 करोड़ से ज्यादा का निवेश करा चुका है। लोगों को अपनी कंपनी के बिटक्वाइन टीएलसी 1.0 और टीएलसी 2.0 के जरिये मोटा मुनाफा अर्जित करने का लालच देता है। अब वह दुबई में रहता है।

    पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लविश चौधरी उर्फ नवाब के एजेंट शामली जिले में रहने वाले नवाब हसन समेत दो लोगों को चंड़ीगढ़ में गिरफ्तार किया था। इससे जुड़े अन्य लोगों के बारे में गहन पड़ताल की थी। इसी क्रम में बुधवार की सुबह लगभग छह बजे ईडी की टीम छह गाड़ियों में मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नरा में पहुंची।

    यहां रहने वाले शौकीन, कामरान और बिलाल के मकान पर एक साथ छापा मारा। यह तीनों लोग लविश चौधरी उर्फ नवाब के खास एजेंट बताए जाते हैं, जो फोरेक्स ट्रेडिंग कंपनी के लिए लालच देकर निवेशक तलाशते थे। बीते तीन साल के दौरान ही इन लोगों ने बहुत अधिक धन अर्जित किया और गांव में शानदार मकान बनाने के साथ ही अन्य संपत्ति भी खरीदी हैं।

    ईडी की टीम के साथ पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान भी मौजूद रहे और बाहर से किसी भी व्यक्ति को मकान में प्रवेश नहीं करने दिया। यहां तक कि मीडिया से भी दूरी बनाकर रखी गई। लगभग नौ घंटे तक छानबीन कर अपराह्न लगभग सवा तीन बजे ईडी की टीम तीनों घरों से बाहर निकली।

    टीम अपने साथ कुछ बैग भी लेकर गई, जिनमें अहम दस्तावेज बताए जा रहे हैं। वहीं, सूत्रों की माने तो ईडी की टीम ने शौकीन और बिलाल को हिरासत में ले लिया है, जबकि कामरान फरार हो गया है। हालांकि इनको हिरासत में लेने की अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

    मंसूरपुर थानाध्यक्ष आनंद देव मिश्र का कहना है कि ईडी की टीम ने छापेमारी के संंबंध में थाने पर कोई सूचना नहीं दी है, उन्हें मालूम नहीं कि कहां छापा मारा गया।