दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे को मिली छह लेन की बनाने की हरी झंडी, पहले चरण में मेरठ से रुड़की तक का हिस्सा शामिल
दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे को अब छह लेन का बनाया जाएगा जिसके पहले चरण में मेरठ से रुड़की तक का हिस्सा शामिल होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इसके लिए एक निजी संस्था को सर्वे का काम सौंपा है जो फ्लाईओवर और अंडरपास की जांच करेगी। निर्माण से पहले स्थानीय मंत्रियों और सांसदों से सलाह ली जाएगी। इस परियोजना का उद्देश्य हाईवे पर यातायात को सुगम बनाना है।

दिलशाद सैफी, मुजफ्फरनगर। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे को फोर के बाद छह लेन किए जाने के लिए हरी झंडी मिली है। पहले चरण में मेरठ से रूड़की तक हाईवे को छह लेन किया जाएगा। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) परीक्षण एवं सर्वे के लिए प्राइवेट संस्था को नामित करेगा।
यह संस्था हाईवे पर पड़ने वाले फ्लाईओवर, अंडरपास के साथ इसके निर्माण की लागत की डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपेार्ट (डीपीआर) बनाएगी। हालांकि निर्माण से पहले जनपद के मंत्रियों, सांसद से भी विभाग मंत्रणा करेगा, उसके बाद अपना कदम उठाएगा।
दिल्ली से लेकर देहरादून तक लगभग 250 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे बना है, यह हाईवे वर्ष 2009 में कई हिस्सों में चार लेन बनाया गया था। वर्तमान में हाईवे पर यातायात का दबाव बढ़ रहा है। जिसके चलते इसको छह लेन में करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जोर लगा रहा है।
इसके लिए केंद्रीय सड़क एवं जहाज रानी मंत्रालय को फाइल भेेजी थी। इसकी जांच के बाद मंत्रालय ने दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे को फोर के बाद अब छह लेन करने के प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी है। पिछले माह एनएचएआइ मेरठ यूनिट को इस बाबत आदेश दिए गए हैं। अब एनएचएआइ हाईवे को लेकर सर्वे कराएगा।
इसके लिए प्राइवेट संस्था को नामित कर प्रोजेक्ट की डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होगी। इसके लिए भी प्राधिकर लगभग दो करोड़ रुपये खर्च करेगा। पहले चरण में हाईवे को मेरठ से रूड़की तक छह लेन किया जाएगा। यह दूरी लगभग 70 किलोमीटर है, जिसका प्राइवेट कंपनी सर्वे शुरू कर रिपोर्ट बनाएगी।
मंत्रियों और सांसद के साथ होगी मंत्रणा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण एवं निर्माण से पहले कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश अनिल कुमार, समाजवादी सांसद हरेंद्र मलिक समेत जनप्रतिनिधियों के साथ मंत्रणा करेगा। सभी जन प्रतिनिधियों से हाईवे के निर्माण में सुझाव एवं उनकी मांग को लेकर आगे कदम उठाएगा। जिससे निर्माण गति को आसान बनाया जाएगा।
फ्लाइओवर और अंडरपास का परीक्षण
दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मेरठ से लेकर रुड़की तक पड़ने वाले सभी फ्लाइओवर, अंडरपास इत्यादि को लेकर परीक्षण होगा। हाईवे पर छह लेन के हिसाब से सभी फ्लाइओवर व अंडरपास के निर्माण को डिजाइन किया जाएगा। इसमें जानलेवा कट भी शामिल किए गए हैं। उन पर भी फोकस कर निर्माण की रूपरेखा तैयार होगी। बिलासपुर कट पर छह लेन हाईवे को ध्यान में रखकर कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने फ्लाइओवर निर्माण की मांग रखी थी। जिसे केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने स्वीकार किया है।
यहां पड़ते हैं फ्लाइओवर-अंडरपास
हाईवे पर मेरठ परिक्षेत्र में एक फ्लाइओवर, तीन रेलवे ओवरब्रिज समेत सात अंडरपास बने हैं। जिनमें बागपत बाइपास, कंकरखेड़ा, मोदीपुरम, पल्लवमपुरम, दौराला, सकौती व दादरी तथा मुजफ्फरनगर सीमा में भंगेला फ्लाइओवर, रायपुर-नंगली अंडरपास, भैंसी फ्लाइओवर, संधावली, जानसठ एवं भोपा बाइपास पर अंडरपास बने हैं।
यहां खतरनाक कट बने
दिल्ली-देहरादून हाइवे : पीनना तिराहा, बागोवाली चौराहा, रथेड़ी कट, बिलासपुर कट, पचेंडा फ्लाईओवर, रामपुर तिराहा, चीतल कट खताैली, मंसूरपुर तिराहा, बेगराजपुर मेडिकल कालेज, देवराणा होटल कट, जड़ौदा स्टैंड, केएफसी होटल-फुलत हाईवे खताैली।
आंकड़ों पर नजर
- 70 किलोमीटर का पहला चरण
- 12 फ्लाइओवर-अंडरपास का सर्वे
- 02 करोड़ रुपये डीपीआर पर होंगे खर्च
- 04 लेन का बना है मौजूदा सममें हाईवे
- 06 लेन का होगा भविष्य में यह हाईवे
दिल्ली-देहरादून हाईवे को मेरठ से रूड़की तक छह लेन करने की हरी झंडी मिल चुकी है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्राइवेट कंपनी से डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। साथ ही मुजफ्फरनगर के राज्यमंत्री, सांसद इत्यादि के साथ भी निर्माण को लेकर मंत्रणा होगी। शीघ्र ही फ्लाइओवर एवं अंडरपास को लेकर सर्वे कराया जाएगा। - आशीष कुमार, सहायक अभियंता, एनएचएआइ, मेरठ यूनिट
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