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    सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियर को किया था डिजिटल अरेस्ट... यूं खुला राज, वापस करनी पड़ गई रकम

    By Vashu Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 29 Oct 2025 06:14 PM (IST)

    मुजफ्फरनगर में साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियर को जज और ईडी अधिकारी बनकर 33.33 लाख रुपये का चूना लगाया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 6.92 लाख रुपये वापस कराए और छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का नाटक रचकर पीड़ित को डराया था। एसपी क्राइम ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

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    संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। साइबर ठगों द्वारा फर्जी जज और ईडी अधिकारी बनकर सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियर से ठगे गए लाखों रुपये वापस कराए गए। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और बैंकिंग सतर्कता से पीड़ित को 6.92 लाख की रकम वापस कराई गई। अब तक इस मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस छह आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है। साइबर ठगों ने सिविल इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर 33.33 लाख रुपये ठग लिए थे।
    एसपी क्राइम इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि दक्षिणी सिविल लाइन निवासी सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियर राजेंद्र कुमार गोयल से सितंबर में ठगों ने जज और ईडी अधिकारी बनकर 33.33 लाख की ठगी की थी। ठगों ने पहले उन्हें अधिकारी बनकर काल किया, फिर डराने-धमकाने के बाद वाट्सएप वीडियो काल पर जज और ईडी अधिकारी का रूप धारण कर तथा फर्जी कोर्ट का सेटअप दिखा पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट किया था।

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    कहा कि उनके बैंक खातों और संपत्तियों पर जांच चल रही है और गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें सारी धनराशि जमा करनी होगी। पीड़ित ने ठगों के दबाव में आकर यश बैंक के खाते में 33.33 लाख रुपये स्थानांतरित कर दिए थे। इसके बाद ठगों ने लगातार कई दिन तक उन्हें वाट्सएप काल पर निगरानी में रखा। जब उन्हें शक हुआ, तब जाकर उन्होंने थाना साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत दर्ज होते ही थाना साइबर क्राइम पुलिस ने विभिन्न जगहों से छह आरोपितों को गिरफ्तार किया।

    साथ ही बुधवार को 6.92 लाख रुपये की राशि सफलतापूर्वक ट्रेस कर पीड़ित के खाते में वापस कराई गई। एसपी क्राइम का कहना है कि बाकी धनराशि को ट्रेस करने के प्रयास जारी हैं और इसमें शामिल साइबर ठगों की पहचान के लिए तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं।


    अनजान काल या संदेश के झांसे में न आएं
    उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी अनजान काल या संदेश के झांसे में न आएं। ओपीटी शेयर न करें। अंजान लिंक पर क्लिक न करें। कोई भी अधिकारी किसी भी परिस्थिति में आपको डिजीटल अरेस्ट नहीं कर सकता है, न ही ऐसा कोई कानून हैं। ऐसे में साइबर लुटेरों के झांसे में आने से बचें। किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत 1930 नंबर पर काल करें या साइबर सेल मुजफ्फरनगर के नंबर 9454401617 पर संपर्क करें।