बच्चों में बढ़ रहा कोरोना, 245 नए संक्रमित मिले
कोरोना की तीसरी लहर इस बार बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। जनपद में पांच वर्ष से कम उम्र के 10 से अधिक बच्चों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। मंगलवार को चार छोटे बच्चे ऐसे मिले जिनमे कोरोना की पुष्टि हुई है। वहीं कुल नए मामले 245 मिलने से स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गई है। सभी मरीजों को विभाग ने होम आइसोलेट कर दिया है।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। कोरोना की तीसरी लहर इस बार बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। जनपद में पांच वर्ष से कम उम्र के 10 से अधिक बच्चों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है। मंगलवार को चार छोटे बच्चे ऐसे मिले, जिनमे कोरोना की पुष्टि हुई है। वहीं कुल नए मामले 245 मिलने से स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गई है। सभी मरीजों को विभाग ने होम आइसोलेट कर दिया है।
कोरोना के मामलों में हर दिन बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। बुधवार को सामने आई कोरोना मरीजों की नई रिपोर्ट ने चौंका दिया। 500 से अधिक मरीजों की जांच में 245 नए कोरोना के मरीज निकल गए। इससे भी ज्यादा खराब स्थिति यह है कि इनमें चार बच्चे ऐसे मिले, जिनकी उम्र पांच वर्ष से भी कम है। विभाग ने सभी कोरोना मरीजों की सूची लेकर उन्हें फोन कर आइसोलेट रहने के निर्देश दिए हैं। अधिकतर मरीजों को फोन पर संपर्क कर आइसोलेट कराया गया है। वहीं जिन मरीजों से संपर्क नहीं हो रहा है। उनके घर टीम भेजकर संपर्क कर आइसोलेशन की प्रक्रिया पूर्ण हुई। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट पर गौर करें तो नए संक्रमित मरीजों में 185 मरीज ऐसे निकले हैं, जो पहले संक्रमित मरीजों के संपर्क में रहे हैं। वहीं 60 संक्रमित मरीज बाजारों सहित विभागों में हुई जांच में निकले हैं। सीएमओ डा. महावीर सिंह फौजदार ने सभी हो होम आइसोलेट करने का दावा किया है।
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सक्रिय मामले बढ़कर पहुंचे 952
जनपद में कोरोना सक्रिय मामलों की संख्या 952 तक पहुंच गई है। जिस प्रकार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उस हिसाब से बुधवार को कोरोना सक्रिय मामले 1000 का आंकड़ा पर करेंगे। शासन के आदेश के हिसाब से जनपद में 1000 से अधिक सक्रिय मामले होने पर कई प्रकार की पाबंदिया बढ़ जाएगी, जिससे लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ेगा।
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संक्रमित मरीजों को लेकर लापरवाही
जनपद में प्रतिदिन सैकड़ों लोगों में कोरोना की पुष्टि हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के पास टीम कम पड़ने के कारण संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेट करने में लापरवाही भी सामने आ रही है। अधिकतर संक्रमित मरीजों के घर फोन कर ही उन्हें आइसोलेशन होने की जानकारी दी जा रही है, जबकि उनकी मानिटरिग न होने से कई संक्रमित मरीज घरों से बाहर निकलकर लोगों को संक्रमण देने का काम कर रहे हैं।
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