Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ...तो मुजफ्फरनगर में इसलिए हारे संजीव बालियान!, कारण जानने पहुंचे भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष को पदाधिकारियों ने बताई वजह

    UP Political News पदाधिकारियों ने प्रत्याशी को लेकर सकारात्मक राय दी लेकिन जिलाध्यक्ष पर खूब आरोप मढ़े। कहा पदाधिकारियों को अहमियत नहीं दी गई जिसके चलते सक्रिय कार्यकर्ता भी चुनाव में घर बैठ गए। कुछ ने कहा इस बार चुनाव जातियों में बंटा होने के चलते भाजपा को हार मिली। राजपूत बिरादरी की नाराजगी को भी हार के प्रमुख कारणों में से एक माना गया।

    By Sanjeev Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 19 Jun 2024 02:18 PM (IST)
    Hero Image
    UP News: मुजफ्फरनगर से हारे संजीव बालियान।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर : लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर मिली हार की भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी धर्मेंद्र सिंह तथा ब्रज क्षेत्र के उपाध्यक्ष आलोक गुप्ता ने समीक्षा की है। अ

    भाजपा शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर हार की समीक्षा करने के लिए एमएलसी धर्मेंद्र सिंह मंगलवार को जनपद में पहुंचे। पीडब्ल्यूडी के डाक बंगले पर पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वह पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान के आवास एटूजेड कालोनी में पहुंचे। यहां वार्ता के बाद जानसठ के लिए रवाना हुए। नगर पंचायत जानसठ कार्यालय में खतौली और मीरापुर विधानसभा सीट की समीक्षा की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्व विधायक विक्रम सैनी ने जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी को संजीव बालियान की हार का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, जिलाध्यक्ष संगठन को साथ लेकर नहीं चले। उपेक्षा के चलते भाजपा का झंडा उठाने वाले घर बैठ गए।

    समीक्षा में पदाधिकारियों ने कही ये बात

    वहीं, मुजफ्फरनगर के गांधी नगर स्थित कार्यालय पर चरथावल, बुढ़ाना, सदर और पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा हुई। दो सत्रों में हुई समीक्षा में पदाधिकारियों से विभिन्न बिंदुओं पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने बातचीत की। प्रत्याशी को लेकर पदाधिकारियों ने कहा, बालियान ने चुनाव में खूब मेहनत की, लेकिन इस बार चुनाव में अलग ट्रेंड देखने को मिला। राजपूत समाज का विरोध और हिंदू वोटरों का जातियों में बंटने से भाजपा को नुकसान हुआ। वहीं पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया।

    ये भी पढ़ेंः Mathura Accident: मथुरा में तेज रफ्तार कार ने बाइक को मारी टक्कर, पति-पत्नी और देवर की मौत से परिवार में मचा कोहराम

    जिलाध्यक्ष ने पदाधिकारियों से चुनाव को लेकर मंथन ही नहीं किया। इससे पदाधिकारी और कार्यकर्ता चुनाव से दूर होते गए। सदर सीट पर अपेक्षा से बेहद कम वोट मिलने का मामला भी उठा। जिसमें कहा गया कि जिम्मेदार लोगों ने अपनी जिम्मेदारी का निष्ठा से निर्वहन नहीं किया।

    ये भी पढ़ेंः CBSE Syllabus Updates; 12वीं तक के पाठ्यक्रम किए अपडेट, अब AI से कैंसर डिटेक्टर मॉडल से डीपफेक एथिक्स तक सीखेंगे छात्र

    इस दौरान जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी, जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल, नितिन चोधरी, अमित चौधरी, रेणू गर्ग, सुधीर खटीक, अजीत सिंह, राजपाल गुप्ता, राजीव गुप्ता मौजूद रहे। - जिलाध्यक्ष ने ली हार की जिम्मेदारी 

    भाजपा जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी ने बताया, समीक्षा बैठक में कई मुद्दों पर बातचीत हुई। लोकसभा चुनाव में मिली हार को स्वयं स्वीकार किया है। जो कमियां सामने आई हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने आगामी 30 जून तक होने वाले कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी है। जिसे सभी पदाधिकारियों को साथ लेकर पूर्ण किया जाएगा।