हैदरपुर वेटलैंड में मिली ऊदबिलाव की प्रजाति, बढ़ी सतर्कता
हस्तिनापुर वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र के हैदरपुर वेटलैंड में प्रवासी अप्रवासी पक्षियों व जानवर बढ़ रहे हैं। हैदरपुर वेटलैंड में पक्षियों सहित हिरण डाल्फिन घड़ियाल कछुओं के बाद अब ऊदबिलाव की प्रजाति भी देखने को मिल गई है।

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। हस्तिनापुर वन्य अभ्यारण्य क्षेत्र के हैदरपुर वेटलैंड में प्रवासी, अप्रवासी पक्षियों व जानवर बढ़ रहे हैं। हैदरपुर वेटलैंड में पक्षियों सहित हिरण, डाल्फिन, घड़ियाल, कछुओं के बाद अब ऊदबिलाव की प्रजाति भी देखने को मिल गई है। हैदरपुर वेटलैंड का वातावरण जीव जंतुओं के लिए उपयुक्त बनता जा रहा है, जिसको लेकर वन विभाग के अधिकारी भी सतर्क हो रहे हैं।
मध्य गंगा बैराज के निकट स्थित हैदरपुर वेटलैंड की जलवायु जीव जंतुओं को अपनी ओर आकर्षित करती जा रही है। हैदरपुर वेटलैंड में अब ऊदबिलाव जानवर की प्रजाति भी देखने को मिली है। पक्षी विशेषज्ञ आशीष लोया ने बताया कि वहां ऊदबिलाव की प्रजाति पहली बार देखने को मिली है। ऊदबिलाव बेहद ही चतुर स्तनधारी एक मांसाहारी जीव है, जो जल और स्थल दोनों जगह रहकर अपना शिकार करता है। उन्होंने बताया कि यह पानी में मछलियों की तरह तैर लेते हैं। पांच से सात ऊदबिलाव अपना समूह बनाकर घेरा डालकर मछलियों का शिकार करते हैं। छोटे जानवर, घोंघे, कटुए तथा कीड़े-मकोडे़ से भी अपना पेट भरते हैं।
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ऊदबिलाव के मिलने से वेटलैंड इको सिस्टम होता है पूरा
वन क्षेत्राधिकारी मोहन कुमार बहुखंडी बताते हैं कि यहां पर ऊदबिलाव की उपस्थिति वेटलैंड के इको सिस्टम को पूरा करती है, जो बेहद ही खुशी की बात है। उन्होने बताया कि मध्य गंगा बैराज के निकट स्थित 1221 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले हुए हैदरपुर वेटलैंड में प्रत्येक वर्ष हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां पर स्वदेशी व विदेशी पक्षी भी आते हैं।
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तेज नाखूनों से करते हैं शिकार
डीएफओ सूरज कुमार ने बताया कि ऊदबिलाव अर्द्धजलीय जीव है, जिसका शरीर लंबा और पतला होता हैं। इनकी छोटी बाजुओं के अंत में तेज नाखून वाले जालीदार पांव होते हैं। जालीदार पांव से उन्हें तैरने में आसानी होती है ऊदबिलाव प्रजाति मिली है तो क्षेत्र में सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे।
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