दूसरे दिन भी जारी रही बैंकों की हड़ताल
ट्रेड यूनियन के आह्वान पर चल रही बैंक हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। जिले में करीब 60 बैकों की शाखाओं पर निजीकरण के विरोध में ताले लटके रहे। हड़ताल के चलते कर्मचारीं बैकों में नहीं पहुंचे। हालांकि प्रमुख बैंक और निजी बैकों की शाखाएं खुलने से ग्राहकों को समस्या का सामना नही करना पड़ा। जिले में करोड़ों का लेनदेन प्रभावित रहा।

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। ट्रेड यूनियन के आह्वान पर चल रही बैंक हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रही। जिले में करीब 60 बैकों की शाखाओं पर निजीकरण के विरोध में ताले लटके रहे। हड़ताल के चलते कर्मचारीं बैकों में नहीं पहुंचे। हालांकि प्रमुख बैंक और निजी बैकों की शाखाएं खुलने से ग्राहकों को समस्या का सामना नही करना पड़ा। जिले में करोड़ों का लेनदेन प्रभावित रहा।
आल सेंट्रल ट्रेड यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को भी महाराष्ट्रा बैक, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, इंडियन बैंक, नैनीताल आदि बैंकों की शाखाओं के कर्मचारी और अधिकारी बैकों के निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहे। इन बैंकों में कामकाज बंद रहा, जिससे करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हुआ। कुछ बैकों के बाहर कर्मचारियों ने मांगों को लेकर धरना भी दिया। एलडीएम ने बताया कि प्रमुख बैंक खुले रहे हैं, जिस कारण ग्राहकों को अधिक परेशानी नहीं हुई है। सरकारी बैंकों का हो निजीकरण
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। दी गुड़ खांड़सारी एंड ग्रेन मर्चेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मित्तल और मंत्री श्याम सिंह सैनी ने सरकार से सरकारी बैंकों के निजीकरण की मांग की। नवीन मंडी में मंगलवार को व्यापारियों की बैठक में कहा वित्तीय वर्ष के आखिर में बैंकों की हड़ताल से व्यापार में आर्थिक नुकसान हो रहा है। व्यापारियों-उद्यमियों के करोड़ों के चेक फंस जाते हैं। सैकड़ों उद्यमी आरटीजीएस और एनईएफटी से भुगतान करते हैं, लेकिन समय से भुगतान न होने से घाटे का सामना करना पड़ता है। अध्यक्ष संजय मित्तल ने सरकार से निजी बैंकों को ज्यादा से ज्यादा लाइसेंस देने की मांग की।
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