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    वैरिएंट कोई भी आए, बचाएगा टीका : डा. डीएस मलिक

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 07 Jul 2021 11:29 PM (IST)

    वरिष्ठ सर्जन डा. देवेंद्र सिंह मलिक का कहना है कि कोरोना वैरिएंट चाहे डेल्टा प्लस आए या न आए लेकिन संक्रमण से यदि बचना है तो टीका जरूर लगवाना होगा। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी या नहीं लेकिन लापरवाही बिल्कुल नहीं करनी है। संक्रमण से बचने के लिए सर्वाधिक आवश्यक सामाजिक व्यवहार में सुधार जरूरी है।

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    वैरिएंट कोई भी आए, बचाएगा टीका : डा. डीएस मलिक

    मुजफ्फरनगर, जेएनएन। वरिष्ठ सर्जन डा. देवेंद्र सिंह मलिक का कहना है कि कोरोना वैरिएंट चाहे डेल्टा प्लस आए या न आए, लेकिन संक्रमण से यदि बचना है तो टीका जरूर लगवाना होगा। उन्होंने कहा कि कोई नहीं जानता कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी या नहीं, लेकिन लापरवाही बिल्कुल नहीं करनी है। संक्रमण से बचने के लिए सर्वाधिक आवश्यक सामाजिक व्यवहार में सुधार जरूरी है।

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    कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का ग्राफ नीचे जा रहा है। डा. डीएस मलिक का कहना है कि आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर आएगी, लेकिन ऐसी आशंका सिद्ध करने के लिए अभी तक किसी चिकित्सा विशेषज्ञ संस्था का कोई शोध सामने नहीं आया है। बावजूद लापरवाही किसी भी दशा में ठीक नहीं। टीकाकरण से बचेगी सबकी जान

    डा. डीएस मलिक का कहना है कि सरकार टीकाकरण पर जोर दे रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस म्यूटेशन में बदलाव हो रहे हैं। कोई भी वैरिएंट आए, लेकिन सावधानी और बचाव अपने हाथ में है। इसलिए वर्तमान में सबसे बड़ा बचाव कोरोनारोधी टीका है। यदि टीका लगवा लेते हैं तो कोरोना से बड़ा बचाव हो जाएगा। संक्रमित भी हुए तो भी जान बचेगी। इसलिए कोरोना से जान बचाने के लिए जो कुछ भी उपाय मेडिकल साइंस सुझा रही है, उसे अपनाया जाना आवश्यक है। मास्क और शारीरिक दूरी है जरूरी

    डा. डीएस मलिक ने बताया कि संक्रमण से बचने के लिए मास्क जरूर लगाएं। यदि चेहरे पर एन-95 मास्क लगा होगा तो संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा। इसलिए सबसे पहले चेहरे पर मास्क लगाएं। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण शरीरिक दूरी के नियमों का पालन है। यदि एक दूसरे से कम से कम छह फिट का फासला रहेगा तो संक्रमित होने का खतरा भी उतना ही कम हो जाएगा। इसके अलावा बार-बार साबुन से अच्छी तरह हाथ धोना भी आवश्यक है। डा. डीएस मिलक के अनुसार कुल मिलाकर सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना होगा। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाएं

    डा. डीएस मलिक का कहना है कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बनी रहनी चाहिए। यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती तो संक्रमण का हमला शरीर झेल नहीं पाएगा। इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सुपाच्य और पौष्टिक भोजन किया जाए। गरिष्ठ तथा फास्ट फूड से बचें। गर्मियों हैं इसलिए लिक्विड डायट लेते रहें। भीड़ में न निकलें।