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    ब्लाक प्रमुख व प्रधानों को चाहिए वेतन व पेंशन

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    Updated: Tue, 31 Dec 2013 11:48 PM (IST)

    खतौली : मुख्यमंत्री द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधानों के बढ़ाए गए मानदेय से खतौली की ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधान खुश नहीं हैं। ब्लाक प्रमुख व कई ग्राम प्रधानों का कहना है कि उन्हें मानदेय नहीं, वेतन व पेंशन चाहिए। उन्होंने विकास निधि बढ़ाए जाने की भी मांग की।

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    मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख व ग्राम प्रधानों का मानदेय दिसम्बर से तीन गुना बढ़ाने के बावजूद ब्लाक प्रमुख व प्रधान खुश नहीं हैं। ब्लाक प्रमुख खतौली शीला देवी का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जितना बढ़ाया है उतना हो ब्लाक में बैठने पर चाय-पानी पर ही खर्च हो जाता है। अगर बढ़ाना ही था तो विकास निधि बढ़ाते, ताकि गांवों का विकास होता।

    पश्चिमी उप्र ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुन्दर प्रधान ने बढ़े मानदेय को नाकाफी बताते हुए कहा कि यह सिर्फ चुनावी लॉलीपोप है। वे जनप्रतिनिधि हैं, उन्हें भी विधायक व सांसद की तरह वेतन व पेंशन मिलनी चाहिए। इसके लिए उनका संगठन लड़ाई जारी रखेगा। कम से कम पांच हजार रुपये और वह भी वेतन के रूप में दिया जाना चाहिए, क्योंकि ग्राम प्रधान राजनीति की पहली सीढ़ी है। रहीसुद्दीन ग्राम प्रधान सठेड़ी बढ़े मानदेय पर कहते हैं कि मानदेय बढ़ने से अच्छा था कि मुख्यमंत्री विकास के लिए पैसा बढ़ाते या फिर मिल रहे मानदेय को ही वेतन के रूप में दिलाने की घोषण करते। कुल मिलाकर बढ़े मानदेय से नाखुश नजर आए।

    चुनावी रोटी सेक रही है सपा

    जानसठ : प्रदेश की सरकार द्वारा ग्राम प्रधान, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत आदि का मानदेय बढ़ाने को कुछ लोगों ने सराहा है, वहीं कुछ ने इसे चुनावी रोटी सेकना बताया है।

    ब्लॉक प्रमुख जानसठ रवि किरण का कहना है कि सरकार ने जो मानदेय उनके लिए घोषित किया है, उनके फोन में ही इससे कहीं अधिक रुपये खर्च हो जाते हैं। विधायक व सांसद को मानदेय लाखों रुपये दिए जाते हैं, लेकिन उन्हें न के बराबर। फिर भी वह सरकार की घोषणा का स्वागत करते हैं। ग्राम प्रधान ब्लॉक संगठन अध्यक्ष महेंद्र सैनी ने बताया कि वह पिछले काफी समय से प्रधानों का मानदेय 15000 हजार रुपये करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने अपनी मनमानी की है। ग्राम भलवा के ग्राम प्रधान इमरान का कहना है कि मानदेय बढ़ाने की मांग पर प्रदेश सरकार ने पांच हजार रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, लेकिन वादा नहीं निभाया। सपा ने केवल लोस चुनाव को देखते हुए प्रधानों व अन्य लोगों की ओर लालच भरा गिफ्ट पेश किया है। इसे ग्राम प्रधान स्वीकार नहीं करेंगे।

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