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    प्रभारी मंत्री के सामने विधायक से उलझे एक्सईएन, जिलाधिकारी के कहने पर भी नहीं हुए शांत

    Updated: Mon, 07 Oct 2024 11:30 PM (IST)

    मुरादाबाद में जनपद के प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में समीक्षा बैठक में हंगामा हो गया। नगर विधायक ने आवास विकास में मनमानी का मुद्दा उठाया जिस पर अधिशासी अभियंता ने जवाब दिया। जिलाधिकारी ने उन्हें सभी फाइल लेकर अपने कार्यालय में तलब किया। प्रभारी मंत्री ने आवास विकास के अधिकारियों को मर्यादा का पालन करने और आबकारी विभाग को दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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    समीक्षा बैठक के दौरान जानकारी लेते प्रभारी मंत्री अनिल कुमार। साथ में उपस्थित हैं जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी। सौ. सूचना विभाग

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जनपद के प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में हुई समीक्षा बैठक में हंगामा हो गया। नगर विधायक ने आवास विकास में मनमानी का मुद्दा उठाया तो अधिशासी अभियंता ने पलटकर जवाब दे दिया। 

    इस बात लेकर बैठक में काफी गहमागहमी हो गई। अधिकारियों के समझाने के बावजूद एक्सईएन शांत नहीं हुए। यहां तक कि जिलाधिकारी की बात को भी काट दिया। डीएम ने उन्हें सभी फाइल लेकर अपने कार्यालय में तलब किया है।

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    सर्किट हाउस के सोमवार को प्रभारी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मंत्री अनिल कुमार की अध्यक्षता में जनपद के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। समीक्षा के दौरान नगर विधायक रितेश गुप्ता ने पूछा कि आवास विकास की ओर से कौन आया है? तब अधिशासी अभियंता व एक अन्य अधिकारी खड़े हो गए। 

    विधायक ने गिनाईं समस्याएं

    नगर विधायक ने कहा कि आवास विकास में मनमाने तरीके से कार्य हो रहा है। लोगों के नक्शे पास करने में परेशान किया जा रहा है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी को आवंटित प्लाट का नक्शा मेरे कहने के बाद भी नक्शा पास नहीं किया। 

    जिलाधिकारी के निर्देश को भी अनसुना कर दिया गया। वहीं, पूरी फीस जमा कराने के बावजूद भाजपा कार्यालय तक का नक्शा पास नहीं हुआ है। इससे समझा जा सकता है कि लोगों को कितनी परेशानी उठानी पड़ती है। 

    जवाब देने लगे अधिशासी अभियंता

    इस पर अधिशासी अभियंता नीरज राजपूत खड़े हुए और बोले कि सारे आरोप निराधार हैं। हम कोई गलत कार्य नहीं करेंगे। नगर विधायक ने कहा कि यह जनप्रतिनिधि को किस प्रकार से जवाब दे रहे हैं। इस बीच जिलाधिकारी ने उन्हें समझाया तो उन्हें भी जवाब दे दिया। 

    बोले कहा जा रहा है कि आपने निर्देश दिए, जबकि मुझसे इस संबंध में वार्ता नहीं हुई। इसके बाद तो फिर सभी एक-एक कर मुद्दे उठाने लगे। इस बात को लेकर हंगामे की स्थिति बन गई। अधिशासी अभियंता भी जवाब देते चले गए। 

    इसके बाद जिलाधिकारी ने उन्हें सभी फाइलों के साथ अपने कार्यालय में तलब करने के बाद मामला शांत हुआ। इसके अलावा नगर विधायक ने आबकारी के राजस्व वसूली में पिछड़ने और ओवर रेटिंग का मुद्दा उठाया। 

    प्रभारी मंत्री ने आवास विकास के अधिकारियों को मर्यादा का पालन करने के साथ ही आबकारी विभाग को औचक छापेमारी करके दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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