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    World Sparrow Day 2022 : मुरादाबाद के इस घर में रहती हैं सैकड़ों गौरैया, बर्डमैन ने बना रखें हैं दर्जनों घोंसले

    By Samanvay PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 21 Mar 2022 01:50 PM (IST)

    World Sparrow Day 2022 कंकरीट के मकानों और पेड़ कटान की वजह से गौरेया लुप्त होती जा रहीं हैं। चिड़िया की चहचहाहट सुनकर आंख खुल जाए। उनके अस्तित्व को बचाने के लिए लोग अनूठे प्रयोग भी कर रहे हैं। जंगल में तो आपको यह आवाज सुनने को मिल जाएगी।

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    World Sparrow Day 2022 : एयरफोर्स से सेवानिवृत्त होने के बाद से चिड़ियों के आशियाने के लिए कर रहे प्रयास

    मुरादाबाद, जेएनएन। World Sparrow Day 2022 : कंकरीट के मकानों और पेड़ कटान की वजह से गौरेया लुप्त होती जा रहीं हैं। चिड़िया की चहचहाहट सुनकर आंख खुल जाए। उनके अस्तित्व को बचाने के लिए लोग अनूठे प्रयोग भी कर रहे हैं। जंगल में तो शायद आपको यह आवाज सुनने को मिल जाएगी लेकिन, शहरी आबादी में शायद ही सुनने को मिलेगी। इसको लेकर लोग तरह तरह के प्रयोग भी कर रहे हैं। देश की सेवा के बाद गौरेया को बचाने की मुहिम शहर के मनोज कुमार शर्मा ने चला रहे हैं। उनके घर में ही सैकड़ों गौरेया का बसेरा है। उन्होंने चिड़ियों के लिए छोटे-छोटे घोंसले बनाए हैं।

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    मिलन विहार के रहने वाले मनोज कुमार शर्मा 1986 से 2006 तक एयरफोर्स में रहे। इस दौरान उनकी पोस्टिंग आसाम, नागालैंड, बरेली, पठानकोट, भूटान, बड़ौदा, भटिंडा पंजाब, श्रीनगर में रही। पोस्टिंग के दौरान जंगलों मेें भी चिड़िया की सेवा करने के लिए वह आतुर रहते थे। फोर्स में उन्हें बर्डमैन का खिताब मिला। सेवानिवृत्त होने के बाद वह मिलन विहार में आकर रहने लगे। यहां उन्हें घर के पिछले हिस्से में छोटा गार्डन बना रखा है।

    वहीं लोहे के एंगल से चिड़िया के बैठने के लिए जगह बनवाई है। इसके साथ ही लकड़ी, गत्ते के डिब्बों से छोटे-छोटे घर बना दिए हैं। इसके अलावा पेड़ पर घोंसले भी रख दिए हैं। आज उनके आंगन में प्रतिदिन सुबह शाम सौ से डेढ़ सौ तक चिड़िया दाना चुगने के लिए आती हैं। घर में चिड़ियाें के लिए उन्होंने पूरी व्यवस्था कर रही रखी है। उनके खाने के लिए कंगनी दाना लाकर रखते हैं। चिड़िया इस दाने को बिना डरे खाती भी हैं।

    गत्ते की पैकिंग से बनाते हैं चिड़िया का घरौंदाः मनोज कुमार शर्मा को सड़क पर कहीं पर भी गोल वाला खाली गत्ता मिल जाए तो वह उसे उठाकर घर ले आते हैं। उनकी पत्नी चंचल शर्मा उस गत्ते पर टाट लपेटकर घरौंदा तैयार कर देते हैं। जिसे वह घर में कहीं भी लटका देते हैं। चिड़िया उस घरौंदे में आकर रहने लगती हैं।